रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शासन के युवा महोत्सव के आयोजन और नौकरी से निकाले गए बीएड सहायक शिक्षकों को लेकर साय सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर युवाओं के दंडवत होकर सरकार से निवेदन को लेकर कहा कि ‘यह दृश्य देखकर बेहद कष्ट हो रहा है। युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद की जयंती के दिन छत्तीसगढ़ के युवा सड़कों पर दंडवत होकर सरकार से निवेदन के लिए अनुनय यात्रा निकाल रहे हैं, लेकिन यह संवेदनहीन और निर्लज्ज सरकार करोड़ों खर्च कर “युवा महोत्सव” मनाने का ढोंग कर रही है।’
भूपेश बघेल ने कहा कि ‘इन युवाओं को इस निर्लज्ज सरकार ने नए साल में शिक्षक की नौकरी से निकालकर बेरोजगार कर दिया है। यदि सरकार चाहे तो इन्हें दूसरे पदों पर समायोजित किया जा सकता है। हम सब छत्तीसगढ़वासी अपने युवाओं के साथ हैं। “फ़ाइव स्टार” आयोजनों में मस्त सरकार को समय आने पर करारा जवाब देंगे।’ दरअसल भूपेश ने जिस वीडियो को पोस्ट किया है वह सभी बीएड सहायक शिक्षक हैं, जिन्हें नौकरी से निकाला गया है। छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षकों के इस वीडियो को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर किया है।
यह कोई ठेका या संविदा कर्मचारी नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नये साल के पहले दिन भाजपा सरकार ने युवाओं के ऊपर अत्याचार किया है। 2897 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया। सरकार इनकी बहाली के बारे में कोई निर्णय नहीं ले रही है। पूरे प्रदेश में साय सरकार अकेली ऐसी सरकार है, जिसने 2897 नियमित कर्मचारियों को पदमुक्त कर दिया। आज तक देश का किसी भी राज्य सरकार ने इतनी बड़ी संख्या में एक साथ अपने कर्मचारियों को बर्खास्त नहीं किया है। यह कोई ठेका या संविदा कर्मचारी नहीं है। इन शिक्षकों को सरकार ने भर्ती निकाल कर प्रक्रिया पूरी करने बाद नियुक्ति दिया था।
बस्तर-सरगुजा संभाग के अधिसंख्यक शिक्षक
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अदालत के निर्देश के बाद गतिरोध आ रहा है तो साय सरकार इस मामले का समाधान निकालकर डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों के लिए अलग भर्ती निकाले। पहले से नियुक्ति पा चुके 2897 शिक्षकों की सेवा आगे सुनिश्चित रखने की व्यवस्था करें। इन शिक्षकों की भर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुआ था ऐसा नहीं है। भाजपा सरकार बनने के बाद भी तीसरी और चौथी काउंसलिंग 9 फरवरी 2024 तथा 7 मार्च 2024 को हुई थी, जिसके बाद इसकी नियुक्ति की गई थी। अधिसंख्यक शिक्षक बस्तर और सरगुजा संभाग के हैं तथा दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ है। 2897 सहायक शिक्षकों में से 70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते है।
समायोजन का कोई प्रयास सरकार ने नहीं किया
भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार के पास शिक्षा विभाग में ही अनेकों ऐसे पद है, जहां समान वेतनमान पर इन 2897 शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। प्रयोगशाला सहायक, उच्च श्रेणी शिक्षकों के रूप में इनकी नियुक्तियां की जा सकती है। बीएड सहायक शिक्षकों के समायोजन का कोई प्रयास भाजपा सरकार ने नहीं किया। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने समायोजन का प्रस्ताव मांगा, लेकिन युवा विरोधी यह सरकार खामोश रही।
33 हजार शिक्षकों को भर्ती को सरकार ने रोका
भूपेश बघेल इस मामले में कह चुके हैं कि जानबूझकर षड़यंत्रपूर्वक न्यायालय में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों का पक्ष सही ढंग से नहीं रखा गया। अब सेवा समाप्ति का नोटिस जारी करके कमेटी बनाने का ढोंग कर रहे हैं। यह हजारों युवाओं के साथ भद्दा मजाक है। 33000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सरकार रोक कर रखी हैं। इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सरकार इनके मामले में तत्काल निर्णय लेकर इनका समायोजन करे।