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Sunday, September 8, 2024

हिमाचल में भारी बारिश से तबाहीः शिमला शिव मंदिर हादसे में सभी 20 शव बरामद, 11 दिन तक चला सर्च ऑपरेशन

शिमला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के दौर जारी है। भूस्खलन और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। 3 नेशनल हाईवे और कई राजकीय मार्ग बंद हैं। कई घर जमींदोज हो गए हैं। कईयों को अपना घर छोड़कर दूसरे जगह आश्रय लेना पड़ा है। अकेले शिमला जिले में मानसून सीजन के हादसों में 56 लोगों की अब तक मौत हो चुकी है, जबकि 60 लोग घायल हैं। 14 अगस्त को भूस्खलन से धराशायी हुए शिमला के समरहिल के शिव बावड़ी मंदिर में मलबे में दबे 3 और श्रद्धालुओं के शव 11वें दिन बरामद कर लिए गए। अब तक 20 लोगों के शव मिल चुके हैं।

शिमला के एसपी संजीव गांधी ने बताया कि समरहिल के शिव बावड़ी मंदिर में सभी लापता लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। अब तलाशी अभियान बंद कर दिया गया है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड, अग्निशमन और जिला पुलिस के जवानों के संयुक्त अभियान में शवों को खोजा गया। 11 दिन तक राहत एवं बचाव टीमें घटनास्थल के आसपास नाले में शवों की तलाश करती रहीं। गुरुवार को लापता दादा-पोती समेत तीन शवों को मलबे से निकाला गया। मिसिंग रिपोर्ट के अनुसार 20 लोग लापता थे और सभी शव बरामद होने के साथ तलाशी अभियान पूरा हो गया है।

भूस्खलन से 150 साल पुराना मंदिर जमींदोज
करीब 150 साल पुराना शिव बावड़ी मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र रहा है। श्रावण के महीने में मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता था। 14 अगस्त को सोमवार का दिन होने के चलते मंदिर में हवन यज्ञ और खीर के प्रसाद की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान सुबह भूस्खलन ने मंदिर को ध्वस्त कर दिया। मंदिर परिसर में कई सालों से गढ़वाल के पुजारियों ने पूजा-अर्चना का काम संभाला हुआ था। इस मंदिर के पास बावड़ी होने की वजह से इस जगह का नाम शिब बावड़ी पड़ा। भूस्खलन से मंदिर जमींदोज हो गया है। अब यहां सिर्फ तबाही का मंजर नजर आ रहा है।

प्रदेश में 10 हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक शिमला-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे-5 सोलन जिला के चक्की मोड़ में भूस्खलन से बंद हो गया है। मंडी जिला में कुल्लू-मंडी नेशनल हाइवे-21 पण्डोह में हुए भूस्खलन से बंद है। मंडी जिले में ही मंडी-पठानकोट नेशनल हाइवे-154 भी बंद है। भूस्खलन से 3 नेशनल हाइवे सहित 709 सड़कें बंद हैं। वहीं 2897 ट्रांसफार्मरों के खराब हो जाने से ब्लैक आऊट जैसी स्थिति है। भूस्खलन से 214 पेयजल सप्लाई लाइन भी प्रभावित हुई हैं। मंडी में 91, शिमला में 73 और बिलासपुर जिले में 47 पेयजल की सप्लाई लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। सीएम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भूस्खलन और बारिश से प्रदेश में 10 हजार करोड़ के नुकसान की बात कह चुके हैं।

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