रायपुर। IAS रानू साहू को अंतत राज्य शासन ने निलंबित कर दिया है। रानू 2010 बैच की IAS अधिकारी है। इधर कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल भेजी गईं रानू साहू को कोर्ट से भी राहत नहीं मिल सकी हैं। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को ख़ारिज करते हुए रिमांड को 18 अगस्त तक बढ़ा दिया है। रायपुर की विशेष अदालत में मामले की सुनवाई हुई।
बता दें कि कोयला घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने रानू साहू को गिरफ्तार किया है। रानू साहू को सरकार की अनुशंसा के बाद GAD ने 22 जुलाई 2023 को निलंबित किया था। प्रदेश के समान्य प्रशासन विभाग ने आईएएस अफसरों की सिविल लिस्ट में 2 अगस्त को इस संबंध में जानकारी दी गई। 2 अगस्त को सूबे के तमाम IAS अफसरों की सिविल लिस्ट अपडेट हुई, जिसमें रानू साहू के निलंबन की पुष्टि हुई है। ED की जांच में इस बात का पता चला कि कोल स्कैम केस में सूर्यकांत तिवारी के साथ आईएएस रानू साहू का क्लोज एसोसिएशन है। कोयले से जुड़ी लेवी का सारा कारोबार कोरबा से हो रहा था। रानू साहू जब कोरबा कलेक्टर थीं, इस दौरान सूर्यकांत तिवारी ने कमीशन का पैसा रानू साहू को दिया। घूस की राशि से आईएएस रानू साहू ने कई संपत्तियों को खरीदा। ED ने रानू की 5.52 करोड़ रुपये की सम्पत्ति को अटैचमेंट किया था।ED ने 25 जुलाई को रिमांड खत्म होने के बाद रानू साहू को कोर्ट में पेश किया था , जहां से उन्हें चार अगस्त तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।कोल के अवैध परिवहन मामले में अब तक 4 अफसरों सहित कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। रानू साहू से पहले एक और आईएएस समीर विश्नोई जेल में बंद है।
चार जिलों की कलेक्टर रह चुकी है रानू साहू
बता दें कि रानू साहू साल 2005 में डीएसपी बनी थीं। रानू साहू ने ग्रेजुएशन के बाद पुलिस की तैयारी करने फॉर्म भर दिया था। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दिया था, लेकिन जब दोबारा रिजल्ट घोषित होने पर वह पास हो गई और रैंक के हिसाब से रानू साहू को डीएसपी का पद दिया गया। पुलिस की सर्विस के साथ ही उन्होंने IAS की भी तैयारी जारी रखी। 2010 में उन्होंने यूपीएससी क्लियर कर आईएएस सलेक्ट हुई। रानू साहू छत्तीसगढ़ के चार जिलों की कलेक्टर रह चुकी हैं।