रायपुर। छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्यों के साथ अन्तर्राज्यीय समन्वय बैठक मंगलवार को हैदराबाद में हुई। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा के साथ महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के पुलिस महानिदेशकों की उपस्थिति में यह बैठक आयोजित की गई। अक्टूबर-नवंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए शांतिपूर्ण निष्पक्ष चुनाव कराने, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था, आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण और माओवादी हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में ज्वाइंट ऑपरेशन चलाने पर रणनीति तैयार की गई। चारों राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस बंदोबस्त, कानून व्यवस्था और माओवादी गतिविधियों से संबंधित विषयों पर जानकारी दी।
नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर तालमेल के साथ 2023 के चुनाव को लेकर पुलिस थाना स्तर, जिला स्तर, रेंज स्तर के साथ अंतर्राज्यीय स्तर पर लगातार बैठक आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका माओवादी हिंसा से ग्रस्त है। फोर्स की मौजूदगी में नक्सल गतिविधियों में लगातार कमी आ रही है। राज्य में केंद्रीय सुरक्षाबलों और छत्तीसगढ़ पुलिस के बेहतर तालमेल से नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है, जिसके माओवादी हिंसा में कमी आई है। नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के साथ विकास कार्यों में भी तेजी लाई जा रही है, जिससे आम जनता का सरकार और शासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
बैठक में सीमावर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत करने तथा स्थानीय ग्रामीणों को विश्वास में लेकर नक्सलवाद के विरूद्ध अभियान चलाने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक में छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा, तेलंगाना के डीजीपी अंजनी कुमार, महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ, आंध्र प्रदेश के डीजीपी राजेन्द्र नाथ रेड्डी, सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक वितुल कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल अभियान) विवेकानंद, बस्तर आईजी सुंदरराज पी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।