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Friday, November 22, 2024

चुनाव के बाद थकान मिटा रहे नेता, इधर चौक-चौराहों में बन और गिर रही सरकार, प्रत्याशियों की जीत-हार को लेकर भी लग रहे दांव

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव कराए गए। अब नए सरकार को लेकर कयासों का दौर जारी है। कांग्रेस के नेता भरोसा बरकरार होने की बातें कह रहे हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रदेश में बदलाव की बातें कहते हुए सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। फिलहाल प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद है और 3 दिसंबर को मतगणना के बाद स्पष्ट होगा कि छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बन रही है। चुनाव के बाद नेता थकान मिटा रहे हैं तो वहीं जनता जनार्दन चौक-चौराहों पर नई सरकार बना और गिरा रही है। किसे क्या जिम्मेदारी मिलेगी इसकी भी भविष्यवाणी की जा रही है। वहीं परिणाम का भी बेसब्री से इंतजार है।

छत्तीसगढ़ में अभी कांग्रेस की सरकार है। इस विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की खामोशी ने यह बात साबित कर दिया है कि चुनाव एकतरफा नहीं है। जनता यह भी कह रही है कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बीते जुलाई में कराए गए आंतरिक सर्वे में भाजपा को छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 34 पर जीत मिलती दिख रही थी, जबकि मतदान के बाद यह आंकड़ा 48 तक पहुंच गया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि बूथ स्तर पर किए गए सर्वे में मिले फीडबैक के आधार पर भाजपा इस बार सरकार बनाने का दावा कर रही है। इधर चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस-भाजपा के हार-जीत को लेकर सट्टा बाजार भी गर्म होता जा रहा है। प्रत्याशियों की जीत-हार को लेकर दांव लगने शुरू हो गए हैं।

सरकार बनाने 46 सीटों पर जीत जरूरी
बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए 46 सीटों पर जीत जरूरी है। जिस पार्टी को 46 सीटें मिलेंगी उसकी सरकार बनेगी। वर्तमान में कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं। कांग्रेस इस बार 75 प्लस की बात कर रही है। छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी यह 3 दिसंबर को पता चलेगा, लेकिन चुनाव के बाद अब गुणा-भाग का दौर शुरू हो गया है। भाजपा नेता, केंद्रीय नेतृत्व के दिग्गज नेताओं की चुनावी सभाएं और रोड-शो से प्रदेश में माहौल बदलने की बात कह रहे हैं। वहीं कांग्रेस के नेता किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों को आर्थिक रूप से मजबूत करने, छत्तीसगढ़ियावाद को ऊपर उठाने का लाभ मिलने की बात कह रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के अपने-अपने अनुमान और आंकड़े हैं, लेकिन प्रदेश की कई सीटों पर कहीं सीधा तो कहीं त्रिकोणीय मुकाबला इस बार जरूर देखने को मिलेगा।

2018 में भाजपा को मिली थी 15 सीटें
बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा को 15 सीटें ही मिल पाई थीं, जबकि कांग्रेस को 68 सीटों के साथ भारी बहुमत मिला था। बाद में उप-चुनाव के बाद यह आंकड़ा 71 पहुंच गया। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि हमने बूथ स्तर पर समीक्षा की है। अभी आंकड़ों पर नहीं जाते हुए इतना तो दावा है कि भाजपा सरकार बनाने जा रही है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने की बात कहते हैं। दोनों पार्टियों के नेताओं का अपनी-अपनी चुनावी गणित है। अब 3 दिसंबर को पता चलेगा कि किस पार्टी को जनता का आशीर्वाद मिलता है।

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