रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने का सपना पाले बैठे दिग्गज नेताओं की नींद मंत्री रविंद्र चौबे के बयान ने उड़ा दी है। 2018 में कांग्रेसी लहर के बाद भी चुनाव हारने वालों को पार्टी टिकट नहीं देगी। उदयपुर संकल्प शिविर फार्मूले के तहत कांग्रेस युवाओं और महिलाओं पर दांव खेलने जा रही है। कई सिटिंग विधायकों की टिकट कटने की खबर ने नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। छत्तीसगढ़ में लगभग 40 सीटों पर कांग्रेस नए चेहरों को मौका दे सकती है। वरिष्ठ नेताओं की बैठक में इस पर सहमति भी बन गई है।
कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवारों को टिकट देने का फार्मूला तय कर लिया है। पार्टी साल 2018 में हारे हुए उम्मीदवारों को दोबारा टिकट नहीं देगी। इतना नहीं पार्टी ने यह भी तय कर लिया है कि जो जीत दिला सकता है उन्हीं नेताओं पर दांव खेला जाएगा, मतलब पुराना चेहरा नहीं चलेगा। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 90 में से 22 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। अब यह तय हो गया है कि 22 सीटों पर कांग्रेस नए चेहरों पर दांव खेलने वाली है।
सर्वे में 18 विधायकों की रिपोर्ट कमजोर
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने उम्मीदवार तय कर लिए थे, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने सर्वे कराया था, उसमें 18 विधायकों की रिपोर्ट कमजोर है। इसके बाद नेताओं ने टिकट को लेकर फिर से मंथन किया है। खबर यह भी है कि कांग्रेस इस बार कई मौजूदा विधायकों की टिकट काट रही है। कांग्रेस के सर्वे में जिन नेताओं की रिपोर्ट खराब आई है, उनकी टिकट कटना लगभग तय है। 22 नए चेहरे और खराब रिपोर्ट वाले 18 विधायकों के आंकड़ों को देखें तो यह आंकड़ा 40 पहुंच जाता है। कुल मिलाकर 90 में से 40 सीटों पर इस बार नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं।
सूची का पहले आना मायने नहीं रखता
कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली लिस्ट पर मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सूची का पहले आना मायने नहीं रखता है। भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद अंतरद्वंद्व नजर आ रहा है। कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक हो चुकी है। आवेदनों की शॉर्ट लिस्टिंग कर अंतिम रूप दिया गया है। कुछ सीटों में एक से दो पैनल और अधिकांश सीटों में सिंगल नाम फाइनल है। कमेटी एक बार फिर बैठेगी और फिर लिस्ट फाइनल हो जाएगी। नए चेहरे और युवाओं को इस बार मौका मिलेगा।
BJP की सूची आने के बाद विरोध हो रहा
भूपेश बघेल सरकार में मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया से कहा कि छत्तीसगढ़ में चुनाव के लिए शीर्ष नेतृत्व ने कांग्रेस की चार प्रमुख समिति बनाई है। चुनाव अभियान समिति सबसे महत्वपूर्ण है, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को जिम्मेदारी दी गई है। सबसे महत्वपूर्ण कोर ग्रुप कमेटी है, जिसकी अध्यक्षता प्रभारी सैलजा करेंगी। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में कुछ नहीं कर पाएगी। उनके पास कोई मुद्दे नहीं है। हमारी सरकार ने बेहतर काम किया है। भाजपा, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी की सूची जारी करने पर कहा कि उम्मीदवार घोषित कर देना मायने नहीं रखता। भाजपा की सूची जारी होने के बाद विरोध की स्थिति बन गई है।