Navratri 2023ः सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र पर जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-उपासना की जाती है। नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। साथ ही सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति हेतु व्रत उपवास रखा जाता है। शास्त्रों में निहित है कि मां की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। स्कंदमाता चार भुजा धारी हैं। इनमें एक भुजा यानी हस्त वरमुद्रा में है। इससे समस्त लोक का कल्याण होता है।
शारदीय नवरात्र हिंदुओं का बड़ा त्योहार है, जो नौ दिनों तक मनाया जाता है। नवरात्र का पांचवा दिन है। इस दिन स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। देवी मां को प्रसन्न करने के भक्त व्रत भी रखते हैं। माना जाता है कि सच्चे मन से मां दुर्गा के इस रूप की आराधना करने से शत्रुओं का पराजय होता है और मन की इच्छा भी पूरी होती है।
स्कंदमाता को युद्ध के देवता की मां के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आप माता को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो नवरात्र के पांचवें दिन स्कंदमाता की विधिवत पूजा करें। इसके बाद मां का पसंदीदा भोग लगाएं। मां को केले का भोग बहुत प्रिय है। इसके अलावा आप केसर की खीर या साबूदाने की खीर भी भोग में लगा सकते हैं। नवरात्र के पांचवें दिन पूजा के समय पार्वती चालीसा का पाठ और आरती जरूर करें। (साभार- दैनिक जागरण)