रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ सहित देशभर में कोचिंग संस्थानों के मनमाने रवैये पर केंद्र सरकार ने शिकंजा कस दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। सरकार का मानना है कि इससे देश में बढ़ रहे छात्रों के आत्महत्या के मामलों में भी कमी आएगी। नए निर्देशों के अनुसार अब कोई भी कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के छात्र का नामांकन अपने संस्थान में नहीं कर सकेगा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, इस्पात नगरी भिलाई-दुर्ग, न्यायधानी बिलासपुर में भारी पैमाने पर कोचिंग संस्थान चल रहे हैं।
कोचिंग संस्थानों को साफ निर्देश है कि अब वो न तो अच्छी रैंक की गारंटी दे सकते हैं और न ही गुमराह करने वाले वादे कर सकते हैं। अब कोचिंग संस्थान स्नातक से कम शिक्षा वाले ट्यूटर को भी नियुक्त नहीं कर सकते हैं। छात्रों का नामांकन सिर्फ सेकेंडरी स्कूल एक्जामिनेशन के बाद ही अब करना होगा।कोचिंग संस्थानों को अब वेबसाइट भी बनानी होगी। इन साइट्स पर ट्यूटरों की शैक्षिक योग्यता, पाठ्यक्रमों, उन्हें पूरा किए जाने की अवधि, छात्रावास की सुविधाएं और कितनी फीस ली जा रही है उसका ताजा विवरण होगा। किसी भी कोचिंग संस्थान का अब तब तक पंजीकरण नहीं होगा, जब तक कि उसके पास काउंसलिंग सिस्टम नहीं होगा।
10 दिन के भीतर रिफंड होगी फीस
सरकार का मानना है कि अवसाद या तनावपूर्ण स्थितियों में छात्रों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए संस्थानों के पास ये तंत्र होना जरूरी है। विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए कोचिंग सेंटर्स को ट्यूशन फीस उचित रखनी होगी। अब फीस की रसीद भी अनिवार्य होगी। अगर छात्र अपने पाठ्यक्रम की पूरी फीस का भुगतान कर देता है और वह पाठ्यक्रम को बीच में छोड़ देता है तो उसे 10 दिनों के भीतर बाकी की फीस रिफंड की जाएगी। राशि नहीं देने पर कार्रवाई भी होगी।
रजिस्ट्रेशन कराने भेजना होगा प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने इसी के साथ सुझाव दिया है कि अगर कोचिंग सेंटर ज्यादा फीस वसूलते हैं तो उन पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। इसके साथ ही संस्थान का पंजीकरण भी रद्द किया जा सकता है। इन दिशा निर्देशों के प्रभावी होने के तीन महीनों के भीतर नए और पहले से मौजूद कोचिंग सेंटरों को अब पंजीकरण कराने का भी सरकार ने प्रस्ताव रखा है। पंजीयन नहीं कराने पर सख्त कार्रवाई करते हुए जेल और जुर्माना दोनों लिया जा सकता है।