26.3 C
Raipur
Saturday, September 7, 2024

छत्तीसगढ़ में NGO संचालक के घर NIA का छापा, लैपटॉप, पेनड्राइव, फोन जब्त, कलादास बोले- सरकार की गलत नीतियों का विरोध इसलिए जांच…

भिलाई. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छापेमारी की है। इस बार एनआईए ने भिलाई में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा सांस्कृतिक मंच के सदस्य कलादास डहरिया के लेबर कैम्प जामुल स्थित निवास पर छापा मारा है। टीम ने उनके घर की तलाशी और लैपटॉप, पेन ड्राइव सहित अन्य सामग्री को जब्त किया है। NIA की टीम ने डहरिया से कई सवाल पूछे और उसके बाद टीम लौट गई। कलादास को टीम ने रांची भी बुलाया गया है। कलादास रेला NGO के संचालक भी है। यह संस्था 1990 से चल रही है। रेला किसान आदिवासी और मजदूरों के संगठन का काम करती है। इसके लिए NGO को देशभर से फंडिंग भी होती है। कलादास छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के सक्रिय सदस्य भी हैं।

मिली जानकारी के अनुसार कलादास डहरिया के घर पर NIA की टीम ने तड़के 5 बजे दबिश दी। जामुल स्थित निवास में अफसरों ने जांच और पूछताछ की। NIA की टीम कलादास की बेटी का लैपटॉप, पेन ड्राइव और मोबाइल फोन जब्त कर ले गई है। कलादास डहरिया रेला नाम का जनवादी सांस्कृतिक संगठन (NGO) चलाते हैं। संगठन के माध्यम से वे देशभर में सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते हैं। ये NGO किसान, आदिवासी और मजदूरों के संगठन के लिए काम करता है। संगठन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने देशभर के मजदूरों संगठनों से फंडिंग मिलती है।

‘मजदूरों की आवाज उठाने पर जांच कर रहे’
NIA की इस छापेमारी को लेकर कलादास डहरिया ने बताया कि सुबह 5 बजे दूसरे राज्य की 4 गाड़ियों में भरकर कुछ अफसर आए। उन्होंने खुद को एनआईए अफसर बताया। घरों के लोगों को बाहर जाने और बाहर से किसी को भी अंदर आने से रोक दिया। कलादास ने बताया कि कुछ पेपर में साइन लिए हैं। उन्होंने बताया कि मजदूरों के न्यूनतम वेतन को लेकर कुछ दिन पहले हमने राष्ट्रपति और सरकार को पत्र लिखा था। चिट्ठी लिखने के बाद ये सारे प्रक्रियाएं शुरू हुई है। कलादास डहरिया के अनुसार NIA की टीम ने उनसे नक्सलियों या आतंकियों से संपर्क होने जैसे सवाल भी पूछे हैं।

सरकार मेरा एनकाउंटर करवा सकतीः कलादास
कलादास डहरिया ने बताया कि वह एक कलाकार हैं और इसलिए उनके पास कई लोगों के नंबर हैं। कलादास ने कहा कि वे अपने सांस्कृतिक मंच के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते हैं, जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। मैंने NIA के अफसरों से पूछा कि क्या औद्योगिक क्षेत्र में जांच कर पाएंगे। मजदूरों का जीवन कैसे चल रहा है। सांसद-विधायक को लाखों रुपये मिल रहे हैं और मजदूरों को 5 से 6 हजार रुपये सैलरी दे रहे हैं। कैसे उनका जीवन चलेगा। डहरिया ने बताया कि 1 अगस्त को उन्हें एनआईए ने रांची बुलाया है। उन्होंने आशंका जताई है कि सरकार मेरा एनकाउंटर भी करवा सकती है। रेला संस्था को लेकर उन्होंने बताया कि रेला हमारा सांस्कृतिक काम है।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here