दुर्ग. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में रिश्वतखोरों पर एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की कार्यवाही लगातार जारी है। एक बार फिर से एसीबी ने एक पटवारी और कोटवार को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने जमीन प्रमाणीकरण करने की एवज में 70000 रुपये की डिमांड की थी। प्रदेश में एसीबी के हत्थे राजस्व विभाग के कर्मचारी लगातार पकड़े जा रहे हैं। एसीबी ने यह कार्रवाई दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के सुरपा गांव में की है। रिश्वतखोरों पर कार्रवाई की जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार पाटन क्षेत्र के सुरपा गांव में एंटी करप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्यवाही हुई है। सुरपा पटवारी चिन्मय अग्रवाल ने प्रार्थी प्रकाशचंद देवांगन से जमीन के नामांतरण के बदले 70 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। प्रार्थी ने इस मामले की शिकायत रायपुर स्थित एसीबी कार्यालय में की थी। एसीबी ने शिकायत के बाद साक्ष्य जुटाए और फिर कार्रवाई शुरू की। शिकायत के आधार पर एसीबी की टीम ने प्रार्थी को 20 हजार रुपये की रिश्वत देने के लिए कहा, जिसे रंग लगे नोट के रूप में कोटवार भूषण लाल को दिया। जैसे ही कोटवार ने इन रुपये को रिश्वत के रूप में लिया एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
कोटवार बोला- पटवारी के कहने पर रिश्वत ली
कोटवार की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने बताया कि उसने पटवारी चिन्मय अग्रवाल के कहने पर रिश्वत ली थी। इसके बाद एसीबी ने पटवारी चिन्मय अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की टीम ने उनके पास से रंग लगे नोट भी जब्त किए हैं। इस मामले में एसीबी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल जांच जारी है और दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।