ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर पुलिस का एक बड़ा भ्रष्ट कारनामा सामने आया है। क्रिकेट पर सट्टा लगवाने की शिकायत पर एक टाउनशिप में छापा मारने पहुंची पुलिस की एक पार्टी ने वहां पकड़े गए सटोरियों के साथ बड़ी डील कर ली। पुलिस ने चोरों वाला काम करते हुए सटोरियों से 23 लाख रुपये की समझौता मनी मांग ली। इनका दुस्साहस इतना कि उन्होंने यह रुपया ऑनलाइन खातों में ट्रांसफर करवा लिया। इस मामले का खुलासा होते ही एसपी ने देर रात एक सब इंस्पेक्टर और दो आरक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तीनों को सस्पेंड कर दिया। FIR में एक अज्ञात को भी शामिल किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इधर ‘मामा’ यानी शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर कांग्रेसी कानून व्यवस्था को लेकर हमला बोल रहे हैं। कांग्रेसी कानून व्यवस्था को चुनावी मुद्दा भी बना रही है।
बता दे रात को इंग्लैंड और न्यूजीलेंड के बीच क्रिकेट मैच था। क्राइम ब्रांच के हवलदार विकास तोमर ने क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी अमर सिंह सिकरवार को सूचना दी कि एमके सिटी में ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चलने की सूचना है। टीआई ने उसे इस इनपुट की तस्दीक करने को कहा। थोड़ी देर बाद टीआई ने विकास को कॉल करके कहा कि वह एमके सिटी में सटोरियों के फ्लैट पर पहुंच गया है। वहां पर लगभग डेढ़ दर्जन लोग मौजूद हैं। आरोपियों की संख्या अधिक होने पर टीआई ने सब इंस्पेक्टर राहुल अहिरवार को सिरोल के थाना प्रभारी विनय तोमर की टीम के साथ मौके पर भेजा। एडिशनल एसपी ऋषिकेश मीणा ने बताया कि क्राइम ब्रांच और सिरोल थाना पुलिस की इस संयुक्त कार्यवाही में 15 सटोरिये पकड़े गए हैं। इसमें ज्यादातर दतिया जिले के हैं। इनके पास से 2 लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन, चार डायरी बरामद हुई, जिनमे 50 लाख से ज्यादा का हिसाब किताब दर्ज है।
पूछताछ में सट्टा खिलाने वालों ने उगले राज
मिली जानकारी के अनुसार पकड़े गए ज्यादातर आरोपी दतिया जिले के निवासी थे और खास बात यह कि पकड़ने गए दो पुलिस कर्मी भी दतिया के ही हैं। इससे पुलिस अफसर चौकन्ना हुए। इस बीच इस मामले में सटोरियों से पैसे लेने की सुगबुगाहट शुरू हुई तो क्राइम ब्रांच टीआई ने जांच शुरू की और एसपी राजेश चंदेल को भी बताया। थोड़ी ही देर में यह तथ्य उजागर हो गया कि सटोरियों की तरफ से छापा मारने गए एसआई और दो पुलिस कर्मियों के खातों में तीन किस्तों में 10 लाख, 8 लाख और 5.15 लाख रुपये दो खातों में ट्रांसफर के जरिये भेजे गए। बाद में यह भी पता चला कि इन्होंने सटोरियों से 10 हजार नकद और दो मोबाइल पहले ही लेकर अपनी जेब में रख लिए थे। इसके बाद पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। दिनभर अफसर सिरोल थाने पहुंचकर आरोपियों से पूछताछ करते रहे। जब खातों में पैसे ट्रांसफर होने की पुष्टि हो गई तो आधी रात पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
SI सहित दो आरक्षक सस्पेंड, आरोपी फरार
पुलिस अधीक्षक राजेंश सिंह चंदेल के आदेश पर सिरोल टीआई ने क्राइम ब्रांच के सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव, आरक्षक राहुल यादव और विकास तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से एसआई मुकुल यादव गोला का मंदिर थाना में पदस्थ है। इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद देर रात ही एसपी ने तीनों आरोपी पुलिस वालों सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव, आरक्षक राहुल यादव, विकास तोमर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनकी गिरफ्तारी की भी कोशिश की गई, लेकिन भनक लगने पर ये गायब हो गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कल अवकाश का दिन होने के कारण बैंक बंद था, इसलिए जिन खातों में यह पैसे सटोरियों से ट्रांसफर कराए गए उनके खाताधारकों के नाम नहीं मिल सके हैं। आज सोमवार को इन खातों के डिटेल निकाले जा रहे हैं।