रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में चुनाव खत्म हो गया है। कौन दिल्ली जाएगा और कौन नहीं यह 4 जून को पता चलेगा, लेकिन उससे पहले ही प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और रायपुर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल के उत्तराधिकारी के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई हैं। कुछ रायपुर दक्षिण सीट से विधायक बनने तो कुछ वरिष्ठ विधायक मंत्री पद की जुगत में लग गए हैं। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि चुनावी परिणाम के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा।
रायपुर दक्षिण से वर्तमान में बृजमोहन अग्रवाल विधायक हैं। उनके चुनाव जीतने पर विधायक पद छोड़ना पड़ेगा। ऐसे में रायपुर के वर्तमान सांसद सुनील सोनी, प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव, रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे सहित आधा दर्जन नामों की चर्चा विधायक चुनाव लड़ने को लेकर हो रही है। वहीं मंत्री पद के लिए अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, धरमलाल कौशिक और भइयालाल रजवाड़े का नाम प्रमुखता से सामने आया है। यह सभी डॉ. रमन सिंह की सरकार के दौरान अलग-अलग कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और काफी अनुभवी भी हैं।
वरिष्ठ विधायक और अनुभवी नेता की जरूरत
रायपुर दक्षिण से विधायक के लिए सुनील सोनी के नाम की चर्चा इसलिए भी है कि उनकी जगह बृजमोहन अग्रवाल को लोकसभा का टिकट दिया गया है। वहीं दूसरे प्रमुख दावेदारों में प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव का नाम आ रहा है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में रायपुर उत्तर से दावेदारी की थी, लेकिन टिकट नहीं मिल पाया था। इन दिनों वे संगठन की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। इसी तरह मंत्रियों के दो पद के लिए वरिष्ठ विधायक और अनुभवी नेता की जरूरत होगी।
लोकसभा परिणाम पर निर्भर करेगा बदलाव
मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता खुलकर नहीं बोल रहा है। लेकिन राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि चुनावी परिणाम में रिजल्ट नहीं देने वाले मंत्रियों को छुट्टी हो सकती है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि कोई भी मंत्री विधायक बने, पॉवर और रिमोट कंट्रोल तो पीएम मोदी के पास ही रहेगा। बहरहाल, यह लोकसभा के चुनावी नतीजे के बाद की कहानी है। तब तक तो नेता और जनता दोनों को इंतजार करना पड़ेगा।