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Sunday, September 8, 2024

राजस्थान को छत्तीसगढ़ में 91.21 हेक्टेयर वनभूमि पर कोयला खनन की अनुमति, CM भजनलाल ने छत्तीसगढ़ सरकार को कहा थैंक्स…

रायपुर-जयपुर. न्यूजअप इंडिया
राजस्थान के विद्युत गृहों को कोयले की आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ में वन भूमि का आवंटन करने की अनुमति मिली है। राजस्थान को छत्तीसगढ़ में तीन कोयला ब्लॉक आवंटित हुए है। इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हसदेव अरण्य कोल फील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं केते बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति देने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया है। अब सवाल यह उठता है कि देशभर में एक पेड़ मां के नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इसका खूब प्रचार भी किया जा रहा है। 4 करोड़ पौधे लगाने की बात हो रही है। दूसरी ओर जैव विविधता वाले हसदेव अरण्य के जंगल में कुल्हाड़ी चलाने की अनमुति दी जा रही है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने अपने सोशल मीडिया X पर लिखा- ‘सतत विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध राजस्थान सरकार… छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राजस्थान के विद्युत गृहों के लिए कोयले की आपूर्ति करने हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान किए जाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का समस्त राजस्थान परिवार की ओर से हार्दिक धन्यवाद। सीएम शर्मा ने यह भी लिखा कि ‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ के संकल्प के अनुरूप राजस्थान राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।’

108 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई का आग्रह
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने राजस्थान में निर्बाध विद्युत आपूर्ति को सुचारु रूप से स्थापित करने की दिशा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से निम्नलिखित मांगों की पूर्ति के लिए आग्रह भी किया है। वह आग्रह भी आइये जानते हैं…

  1. पीईकेबी कोयला खंड से खनन कार्य निरंतर जारी रखने तथा वित्त वर्ष 2024-25 में 18 एमटीपीए की उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के लिए आवश्यक 108 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई करवाकर एवं वित्त वर्ष 2025-26 से अगले छह वर्षों के खनन कार्यों के लिए आवश्यक 411 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षों की कटाई के बाद उक्त भूमि को आरवीयूएन को हस्तांतरित करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  2. परसा कोयला खंड पर खनन कार्य प्रारंभ करने के लिए संबंधित भूमि पर वृक्षों की कटाई करवाकर उक्त भूमि को आरवीयूएन को हस्तांतरित करने की व्यवस्था करें।
  3. केंटे एक्सटेंशन कोयला खंड की पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवश्यक जनसुनवाई एवं वन विभाग की अनुमति का पंजीकरण छत्तीसगढ़ शासन से अविलंब करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
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