Subrata Roy Passes Away: मुंबई। सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय का 75 साल की उम्र में मंगलवार (14 नंवबर) को मुंबई में निधन हो गया। सुब्रत रॉय का यहां के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट से जान गई है। 12 नवंबर को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 14 नवंबर की रात के साढ़े 10 बजे आखिरी सांस ली। सहारा ग्रुप के चेयरमैन रॉय का पार्थिव शरीर यूपी के लखनऊ में बुधवार (15 नवंबर) को लाया जाएगा। सुब्रत सहाराश्री के नाम से फेम हुए थे।
सुब्रत रॉय ने 1978 में गोरखपुर में एक छोटे से ऑफिस से सहारा की नींव रखी। रॉय के नेतृत्व में, सहारा ने कई व्यवसायों में विस्तार किया। रॉय का साम्राज्य फाइनेंस, रियल एस्टेट, एयरलाइंस, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी से लेकर अन्य सेक्टर्स में फैला हुआ था। समूह ने 1992 में हिंदी भाषा का समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा लॉन्च किया। 1990 के दशक के अंत में पुणे के पास महत्वाकांक्षी एम्बी वैली सिटी परियोजना शुरू की और सहारा टीवी के साथ टेलीविजन क्षेत्र में प्रवेश किया। 2000 के दशक में, सहारा ने लंदन के ग्रोसवेनर हाउस होटल और न्यूयॉर्क शहर के प्लाजा होटल जैसी प्रतिष्ठित संपत्तियों के अधिग्रहण के साथ अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं।
रेलवे के बाद सबसे ज्यादा कर्मचारी सहारा में थे
बिहार के अररिया जिले से 1978 में गोरखपुर आकर 2000 रुपये से बिस्किट और नमकीन बेचने का काम करने वाले सुब्रत रॉय ने कंपनी को 2 लाख करोड़ रुपये तक का स्वप्निल सफर कराया। उन्होंने सहारा को रेलवे के बाद सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी बना दिया था, लेकिन एक गलती के चलते उन्हें जेल जाना पड़ा और उन्होंने कंपनी को अपने सामने ही गर्त में जाते हुए भी देखा।
तीन करोड़ निवेशकों का पैसा कंपनी में फंसा
सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने 2008 से 2011 के बीच ओएफसीडी के जरिए तीन करोड़ से अधिक निवेशकों से 17,400 करोड़ रुपये जुटाए थे। सितंबर, 2009 में सहारा प्राइम सिटी ने आईपीओ लाने के लिए सेबी के समक्ष दस्तावेज पेश किए, इनमें गड़बड़ी की आशंका और एक निवेशक की शिकायत चलते सेबी ने अगस्त, 2010 में दोनों कंपनियों की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद करीब तीन करोड़ निवेशकों का पैसा कंपनी में फंस गया था।
सहारा रिफंड पोर्टल की मदद लें निवेशक
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जुलाई में सीआरसीएल-सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) लांच किया था। 22 मार्च, 2022 से पहले सहारा में इनवेस्ट करने वाले लोग इस पोर्टल के जरिए रिफंड पा सकते हैं। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के साथ ही जरूरी है कि आपका मोबाइल फोन आधार से लिंक हो। इसके अलावा आधार नंबर भी बैंक अकाउंट से लिंक होना चाहिए। इसके बाद पोर्टल पर जाकर अपनी रसीद अपलोड करके रिफंड पा सकते हैं।
पोर्टल में रिफंड के लिए ये कागज होने चाहिए
अगर आपने भी सहारा की किसी स्कीम में पैसा लगाया है तो आप घर बैठे अपने पैसे को वापस हासिल कर सकते हैं। इस पोर्टल से रिफंड पाने के लिए आपको सहारा में निवेश की सदस्यता संख्या, जमा खाता संख्या, आधार लिंक मोबाइल नंबर, पासबुक, पैनकार्ड (अगर राशि 50 हजार से अधिक है) उपलब्ध करने होंगे। इन डॉक्यूमेंट की जांच के बाद 45 दिनों के अंदर आपके अकाउंट में पैसे आ जाएंगे। इस पोर्टल के जरिए करीब 2.5 करोड़ लोगों को लाभ होगा।