बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद महीनों से आंदोलन कर रहे सब इंपेक्टर (SI) भर्ती के अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। हाई कोर्ट ने भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है। जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार को 975 पोस्ट के लिए परिणाम जल्द जारी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने आगामी 15 दिनों के भीतर SI भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी करने का को कहा है। हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद अभ्यर्थियों को जल्द प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार के दौरान साल 2018 में कुल 655 पदों के लिए SI भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसमें सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर, सब इंस्पेक्टर (विशेष शाखा) समेत कई अन्य पदों की भर्ती होनी थी। 2019 में प्रदेश में सरकार बदल गई, लेकिन परीक्षा आयोजित नहीं हुई। इसके बाद राज्य की नई सरकार (कांग्रेस) ने साल 2021 में पदों की संख्या बढ़ाकर 975 कर दिया और नए सिरे से विज्ञापन जारी किया था। परीक्षा के बाद परिणाम जारी करने को लेकर अभ्यर्थी कई बार आंदोलन कर चुके हैं। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब अभ्यर्थियों की परेशानी खत्म होने की उम्मीद है।
कांग्रेस सरकार में दूसरी बार शुरू हुई भर्ती
SI भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया जून 2022 में शुरू हुई और 8 सितंबर 2023 तक चली। इस दौरान शारीरिक नापजोख जून-जुलाई 2022 में हुआ। प्रारंभिक परीक्षा 29 जनवरी 2023 को आयोजित की गई। मुख्य परीक्षा 26 मई से 29 मई 2023 तक हुई। इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा 18 से 30 जुलाई 2023 के बीच आयोजित की गई। अंत में इंटरव्यू 17 अगस्त से 8 सितंबर 2023 के बीच लिया गया। परीक्षा को पूरा हुए 1 साल से अधिक हो गया। इस बीच 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर सरकार बदल गई। भाजपा ने फिर से सरकार बनाई, लेकिन अब तक परीक्षा के परीणाम जारी नहीं हुए। सरकार बनते ही अभ्यर्थियों ने गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात भी की थी।
SI भर्ती परीक्षा का मामला ऐसे पहुंचा कोर्ट
29 जनवरी 2023 को प्रारंभिक परीक्षा के बाद 16 मई, 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी की गई, जिसमें 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इस चयन के बाद जो अभ्यर्थी मेरिट सूची में नहीं आए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कीं, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए। याचिका में कहा गया कि 975 पदों में से 247 प्लाटून कमांडर के थे और मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थियों का होना आवश्यक था, जबकि सूची में 6,013 महिला उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। 20 मई, 2024 को बिलासपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिलाओं को शामिल करना गलत था और उनकी जगह पुरुषों को शामिल करने का निर्देश दिया था। हालांकि कोर्ट के आदेश के पांच महीने बाद भी अंतिम परिणाम जारी नहीं हुआ, जिससे अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन और अनशन भी किया।