बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पटवारियों के स्थानांतरण को लेकर महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने माना कि जिले के बाहर पटवारियों का ट्रांसफर नियम विरुद्ध है। हाईकोर्ट ने अवर सचिव राजस्व द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर दिया है। अवर सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 30 सितंबर 2022 को अनुराग शुक्ला, सनद विश्वास सहित कई पटवारियों का प्रदेश के अन्य जिलों में स्थानांतरण कर दिया था। स्थानांतरण आदेश को पटवारियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
पटवारियों ने अधिवक्ता अनादि शर्मा, शिखर शर्मा, संदीप सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका पेश कर अवर सचिव के आदेश को नियम विरुद्ध बताया। याचिका में कोर्ट को बताया कि पटवारी का नियुक्तिकर्ता अधिकारी जिला कलेक्टर होते हैं। वरिष्ठता जिले के आधार पर ही तय होती है। इसी के आधार पर पदोन्नत किया जाता है। जिले से बाहर ट्रांसफर करने से वरिष्ठता सूची प्रभावित होती है और बहुत निचले क्रम में चले जाएंगे। स्थानांतरण में शासन द्वारा प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।
कलेक्टर को ट्रांसफर करने का अधिकार
याचिका में यह भी बताया गया कि भू-राजस्व संहिता की धारा 104 में नियुक्ति और सेवाओं का अधिकार सिर्फ कलेक्टर को दिया गया है। राजस्व पुस्तक परिपत्र के खंड 5 की कंडिका 16 के संशोधित आदेश में पटवारियों को उनके जिले के भीतर कलेक्टर को ही स्थानांतरण करने का अधिकार है। पटवारियों की याचिका पर जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने माना कि पटवारियों का जिले से बाहर स्थानांतरण किया जाना नियम विरुद्ध है।