छिंदवाड़ा। सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर देशभर में विरोध हो रहा है। छिंदवाड़ा में शिवपुराण कथा के पहले मीडिया से प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा, जो व्यक्ति ऐसी बयानबाजी कर रहा है पहले उससे पूछा जाए कि क्या उनके माता-पिता पूर्वज सनातन नहीं थे। पंडित प्रदीप मिश्रा ने तल्ख लहजे में कहा, जो हमारे सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया और कोरोना कहता है वह खुद ही डेंगू, मलेरिया और कोरोना की औलाद है। सनातन धर्म पर अमर्यादित भाषा का उपयोग ऐसे कैसे कर सकते हैं।
बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म कोरोना, डेंगू और मलेरिया जैसा है। इसे ऐसे ही खत्म कर देना चाहिए जिस तरीके से इन बीमारियों को खत्म किया गया है। प्रदीप मिश्रा ने राजनीति और धर्म को जोड़ने के सवाल पर कहा कि राजनीति और धर्म दोनों अलग-अलग हैं। राजनीति धर्म का स्थान नहीं ले सकता और धर्म राजनीति का स्थान नहीं ले सकता। धर्म में राजनीति हमेशा रही है, चाहे जनक महाराज रहे हो या विक्रमादित्य रहे हो, राजनीति धर्म के साथ ही रही है।
‘मंदिर बनाने भगवान खुद भक्त को चुनते हैं’
दरअसल, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आमंत्रण पर प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा श्री शिव महापुराण करने पहुंचे हैं। कथा 5 सितंबर से 9 सितंबर तक चलेगी। इस कथा के मुख्य आयोजक पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे सांसद नकुलनाथ है। प्रदीप मिश्रा ने कमलनाथ की तारीफ करते हुए कहा था कि हनुमान मंदिर बनाकर कमलनाथ ने पावन कार्य किया है। भगवान हनुमान की 101 फीट मूर्ति का पूजन करने के साथ कहा कि जिसे जनता चुनती है वह संसद में बैठता है और जिसे भोलेनाथ चुनते है वह सत्संग में बैठता है। सरकारी भवन बनाने के लिए राजनेता चुना जाता है। भगवान का मंदिर बनने के लिए भगवान खुद भक्त को चुनते हैं।