रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के चावल और धान के मुद्दे पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया है। भूपेश ने कहा कि पिछले समय भी केंद्र सरकार के अधिकारियों की टीम जांच करने आई थी और जांच करके चली गई थी। गोयल केवल आरोप लगाने आए हैं। उनकी बातों में दम नहीं है। सभी चीज हमने आधार कार्ड से लिंक की हुई है। राज्य सरकार ने राशन दुकानों का संज्ञान लिया, उस पर कार्रवाई की। असल में इनके पास कोई मुद्दा नहीं है। विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुद्दा विहिन भाजपा का यह केवल चुनावी प्रलाप है। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान के बाद भाजपा-कांग्रेस में सियासत शुरू हो गई है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर धान-चावल के मुद्दे पर कौन सच्चा है और कौन झूठ बोल रहा है। जनता भी भ्रम की स्थिति में है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अचानक रायपुर आए और प्रेस कांफ्रेंस कर छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी सरकार पर गंभीर आरोप लगा दिए। गोयल ने कहा कि मैं सरप्राइज चेकिंग पर आया हूं। पीडीएस दुकानों में गड़बड़ी की कई शिकायतें मिली थी। मई 2023 में कमेटी जांच करने आई थी। जांच में 65701 मेट्रिक टन की गड़बड़ी पाई गई है। गलतियों पर एडवाइजरी जारी की गई, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। केंद्र से गरीबों के लिए मिलने वाले अनाज में गड़बड़ी की गई है। गोयल ने कहा कि 13 सितंबर तक स्थिति यह है कि राज्य सरकार अब तक सिर्फ 53 लाख टन चावल केंद्र को दे पाई है, जबकि 58 लाख टन चावल देने की बात राज्य सरकार ने कही थी। उन्होंने भूपेश सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार 100 लाख टन चावल दे। हम खरीदने के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार झूठ न बोले। बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर धान खरीदी में कटौती का आरोप लगाया है।
’61 लाख टन चावल देने की बात कही, 86 लाख तो झूठ’
गोयल ने रायपुर में कहा कि सीएम भूपेश बघेल असत्य बोलकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार झूठ और फरेब की राजनीति कर रही है। राज्य सरकार केंद्रीय पुल में चावल के आंकड़े पर जनता और किसानों को भ्रमित कर रही है। राज्य सरकार ने खुद 61 लाख टन चावल देने की बात कही है। 86 लाख टन चावल के नाम पर झूठ बोल रहे हैं। प्रदेश में खाद का कहीं कोई संकट नहीं है। शत-प्रतिशत खाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिया है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार तय है। चुनावी साल में गुमराह न करे। केंद्र सरकार के नाम पर किसानों से झूठ बोल रहे हैं। भूपेश सरकार धान खरीदी में बायोमेट्रिक सिस्टम से कन्नी काट रही है। इससे पता चलता है सरकार घोटाले को आतुर है।