रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में राज्य निर्वाचन आयोग की प्रेस कांफ्रेंस के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। दोपहर 3 बजे से निर्वाचन आयोग की प्रेस कांफ्रेंस में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा। इस बार नगरीय निकाय चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से होंगे, जबकि पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग की पैनी नजर सभी प्रत्याशियों के चुनाव में होने वाले खर्चों पर भी रहेगी। 2025 में प्रदेश के 14 नगर निगमों में से 10 नगर पालिक निगम, 54 नगर पालिकाओं में 45 के नगरपालिका परिषद और 124 नगर पंचायतों में से 114 नगर पंचायत अध्यक्षों के लिए चुनाव होंगे।
महापौर प्रत्याशी इतना कर पाएंगे खर्च
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर महापौर और अध्यक्षों की खर्च सीमा तय कर दी गई है। 5 लाख या उससे अधिक आबादी वाले नगर निगमों में महापौर प्रत्याशी 25 लाख रुपये, 3-5 लाख की आबादी वाले नगर निगम के लिए यह सीमा 20 लाख रुपये और 3 लाख से कम आबादी वाले निगम 15 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।
पालिका और पंचायत अध्यक्षों इतना तय
निकाय चुनाव में 50 हजार से अधिक आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 10 लाख रुपये और 50 हजार से कम आबादी वाले नगर पालिका अध्यक्ष अधिकतम 8 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। इसके अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए खर्च की सीमा 6 लाख रुपये है। वहीं ऐसे नगर निगम जहां 3 लाख या उससे ज्यादा जनसंख्या है, वहां पार्षद 8 लाख रुपये तक चुनावी खर्च कर सकेंगे। वहीं में 3 लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में खर्च की सीमा 5 लाख रुपये होगी। वहीं नगर पालिका में पार्षदों के खर्च की सीमा 2 लाख और पंचायतों में 75 हजार निर्धारित की गई है।
इन किन बातों का रखना होगा ध्यान
- आचार संहिता से संबंधित विषय पर तत्कालिक निर्णय लेना आवश्यक हो तो राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श कर निर्णय लिया जाए।
- कर्मचारियों और अधिकारियों को कलेक्टर की बिना अनुमति के अवकाश स्वीकृत नहीं होगा। नियुक्ति और पदस्थापना भी प्रतिबंधित रहेगी।
- सरकार के मंत्री कोई घोषणा नहीं कर पाएंगे और न ही भूमिपूजन या लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- लाउडस्पीकर के उपयोग, वाहनों की व्यवस्था, विश्राम गृहों व भवनों में कमरों का आरक्षण, निर्वाचन के लिए कर्मचारियों की व्यवस्था, शिकायतों के निराकरण, स्थानीय निकायों, शासकीय उपक्रमों, सहकारी संस्थाओं आदि के वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध आदि के संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।