भोपाल.न्यूजअप इंडिया
आपको याद होगा कुछ दिनों पहले शाहिद कपूर की एक वेब सीरीज आई थी ‘फर्जी’… फिल्म में शाहिद कपूर नकली नोट बनाकर उसे बाजार में बेखौफ चलता था। फिल्म देखकर मध्य प्रदेश का एक शख्स खुद ‘फर्जी’ बन गया। उसने खुद को मृत घोषित कर फर्जी सर्टिफिकेट बना लिया और नकली नोट छापने के काम में लग गया। वह 20 लाख रुपये का नकली मार्केट में खपा चुका है। बदमाश 50 लाख रुपये के नकली नोट छापने की तैयारी में था कि पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी के पास से 1.60 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं। यह भी नोट दिखने में हुबहू असली जैसे हैं। आरोपी की करतूत जानकार ‘फर्जी’ वेब सीरीज के एक्टर शाहिद कपूर भी भौंचक रह जाएगा।
एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया, इंदौर की अन्नपूर्णा पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग 500, 200 और 100 के नकली नोट छापकर शहर में कई जगह खपाने का काम करते थे। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि एक शख्स नकली नोट बनाता है। सूचना पर पुलिस ने छापा इंदौर के एक फ्लैट पर छापा मारा। वहां नोट छापने की प्रिंटिंग मशीन, कागज और नकली नोट बरामद किया। पुलिस ने आरोपी के पास से भारी मात्रा में कागज बरामद किया है, जिससे 50 से 60 लाख रुपये के नोट छाप सकता था। पुलिस ने आरोपी के पास 1.60 लाख के नोट बरामद किए हैं। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह अब तक 20 से 22 लाख रुपये बाजार में खपा चुका है। पुलिस ने मुख्य सरगरना राजेश बरपेते, गणेश चौहान, विक्रम नरेश, प्रयेश स्वामी, राजेश बारबड़े को गिरफ्तार किया है।
‘अपने ही मौत का बनवा लिया सर्टिफिकेट’
पुलिस ने बताया कि नकली नोट छापने वाला मुख्य सरगना बैतूल निवासी राजेश बरपेते है। आरोपी इतना शातिर था कि एक सीरीज का नोट छापने के बाद उसे बाजार में खपा देता था। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि आरोपी राजेश ने अगस्त 2020 में अपने आप को मृत घोषित भी करवा चुका है। उसने अपनी एक नई पहचान बनाई ताकि उस तक कोई पहुंच न पाए। उसने अशोक चौहान नाम से फर्जी दस्तावेज बनाएं और उसने फर्जी नोट बनाने का काम शुरू कर दिया।
‘वेब सीरिज और यूट्यूब से सीखा नोट बनाना’
पुलिस को आरोपी राजेश ने पूछताछ में बताया कि उसने वेब सीरिज देखी थी। उससे नोट खपाने का आइडिया मिला। उसके बाद नोट बनाने का तरीका यूट्यूब और अन्य माध्यमों से सीखा। आरोपी ने बताया कि पहले वह स्टांप पेपर खरीदकर उसकी कटिंग कर बकायदा उस पर नोट प्रिंट करता था। कुछ पुराने स्टांप आते हैं, जिसमें एक स्ट्रिप लगी होती है। इस स्टांप में नोट बनाने में आसानी होती थी, लेकिन जब स्टांप महंगे पढ़ने लगे तब बॉन्ड पेपर खरीदकर उन पर नोटों की प्रिंटिंग शुरू की थी। आरोपी ने बताया कि एक असली नोट के बदले वह 5 नकली नोट भी देता था।
‘बिहार में मौत होने की सूचना घर पहुंचवाया’
एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि आरोपी राजेश जिसने अपना बदलकर अशोक चौहान रख लिया था। उसने अपनी मृत्यु बिहार में होने संबंधी जानकारी परिवार तक पहुंचवाया था। इसके बाद वह दूसरे नाम से जीवन गुजार रहा था। आरोपी नकली नोट छापता और खपाकर मौज की जिंदगी जी रहा था। आरोपी राजेश को यह भी यकीन था कि अगर उसने अपनी मृत्यु संबंधी जानकरी किसी को बताया तो उसके पुराने घर तक या परिवार तक कोई भी नहीं पहुंच जाएगा। कोरोना के बाद राजेश किसी ऐसी एकांत जगह चल गया और वहां से आते ही नकली नोट बनाने लगा।