रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कैबिनेट को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में सीएम साय, दो डिप्टी सीएम लेंगे। इसकी पुष्टि इस बात से की जा रही है कि प्रदेश के स्टेट गैरेज में 12 फॉर्च्यूनर्स कार को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है। सभी गाड़ियों को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान साइंस कॉलेज मैदान में पार्क करने के निर्देश मिले हैं। यह सभी गाड़ियां 2018 में खरीदी गई थी। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिजूलखर्ची रोकने अपनी काफिले में कुछ गाड़ियों को कम भी किया था।
छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री का चयन कर लिया गया है। भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेता और कुनकुरी से विधायक विष्णुदेव साय को प्रदेश की कमान सौंप दी गई है। विष्णुदेव साय 13 दिसंबर को राजधानी के साइंस कॉलेज मैदान में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। उनके साथ दो उप मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। कल ही मध्यप्रदेश में भी नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ सहित बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्री और संगठन के बड़े पदाधिकारी शिरकत करेंगे। शपथ ग्रहण के बाद ही कैबिनेट का विस्तार होगा और मंत्रियों व उनके विभागों के नाम सामने आ पाएंगे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि शपथ ग्रहण के बाद आयोजन स्थल से मंत्रियों की रवानगी इन्ही फॉर्च्यूनर गाड़ियों से होगी।
आचार संहिता में वापस लौटी थी गाड़ियां
बहरहाल, अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री साय के साथ कितने मंत्री शपथ लेते है। हालांकि यह तय है कि उप मुख्यमंत्री के रूप में अरुण साव और विजय शर्मा पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे, लेकिन दूसरे मंत्रियों को लेकर आमजनों में खासी दिलचस्पी देखने को मिल रही है। जानकारी के मुताबिक नई सरकार के मंत्रियों को नई गाड़ियों के बजाय पुरानी गाड़ियों की ही सवारी करनी पड़ेगी। नई सरकार फिलहाल नए वाहन खरीदने के मूड में नहीं है। इस तरह मंत्रियों को वही गाड़ियां अलॉट होंगी, जिसे आदर्श आचार संहिता प्रभावी होते ही कांग्रेस के मिनिस्टर्स ने शासन को वापस किया था।
2018 में हुई थी फॉर्च्यूनर कारों की खरीदी
बता दें कि सभी सरकारी वाहन स्टेट गैरेज में सर्विसिंग के बाद तैयार खड़ी है। सिर्फ उनका अलॉटमेंट ही बाकी है। पिछली बार यानि 2018 में कांग्रेस कैबिनेट गठन के पहले ही एक दर्जन नए वाहन की खरीदी की गई थी। दरअसल, डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में इन गाड़ियों की खरीदी को मंजूरी मिली थी, लेकिन 2018 में सरकार बदल गई। कांग्रेस की सरकार बनते ही गाड़ियों की डिलीवरी भी हुई थी। करीब 12 टाटा सफारी और फॉर्च्यूनर की खरीदी हुई थी, जिसे शपथ ग्रहण के बाद अलग-अलग मंत्रियों को अलॉट किया गया था। फिलहाल सभी गाड़ियां अब भी नई कंडीशन में मंत्रियों की सवारी को तैयार है। ऐसे में नई वाहन की खरीदी हो ऐसी ऐसी संभावना बहुत कम ही है।