रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में साजा विधानसभा के गांव बिरनपुर में 10 अप्रैल 2023 को हुई हिंसा मामले में आरोपी बनाए गए 11 लोगों में से 8 लोगों को कोर्ट ने दोषमुक्त करार दिया है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि बिना साक्ष्य के जांच अधिकारी ने आरोप तय कर दिया है। बेमेतरा कोर्ट के इस फैसले के दूसरे दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि बहुसंख्यक हिन्दू समाज के खिलाफ प्रदेश सरकार के इशारे पर एकतरफा कार्रवाई की गई थी। हिंदू समाज पर आगजनी का झूठा प्रकरण बनाकर लोगों को जेल में डाला गया था। इस मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस में कहा साजा विधानसभा के बिरनपुर में निर्दोष युवक भुनेश्वर साहू की हत्या हुई थी। उस इलाके में लव जिहाद की घटनाएं हो रही थी, जो हत्या की पृष्ठभूमि बनी थी। 10 अप्रैल को हम लोगों को परिजनों से मिलने नहीं दिया गया। भूपेश सरकार के इशारे पर पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की। अरुण साव कहा कि 11 लोगों की ही गिरफ्तारी हुई, जबकि 40 लोग के नाम थे। आगजनी का मामला सिर्फ हिन्दू समाज के लोगों पर बनाया गया।
‘इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएंगे’
अरुण साव ने कहा कि जिला न्यायालय के फैसले से स्पष्ट हो गया है। भाजपा ने भूपेश बघेल सरकार पर तथ्यों के आधार पर आरोप लगाए थे। इस मुद्दे को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे। भुनेश्वर साहू को न्याय मिले, इसके लिए निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। हर एक दोषी को कठोर सजा मिले। यह अत्यंत गंभीर विषय है। किसके निर्देश पर ये झूठी कार्रवाई हुई, ये निष्पक्ष जांच के बाद ही पता चलेगा। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना ही चाहिए।
‘बिना साक्ष्य जांच अधिकारी ने आरोप तय किए’
बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में एक साहू परिवार के युवक की हत्या हो गई थी। इस हत्या ने सांप्रदायिक दंगे का रूप ले लिया और फिर दो लोगों की और लाशें मिली थी। कुछ घर भी जला दिए गए थे। पुलिस ने आगजनी और बलवा का प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। बिरनपुर हत्याकांड को लेकर साजा क्षेत्र में कई दिनों तक तनाव की स्थिति थी। पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए 8 लोगों को प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा की अदालत ने दोषमुक्त करार दिया है। कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए अलग से जांच करने कहा है।