26.9 C
Raipur
Wednesday, July 30, 2025

90 करोड़ का DMF घोटाला : कोर्ट में पेश हुए निलंबित IAS रानू, सौम्या और सूर्यकांत, इस दिन तक EOW की रिमांड पर रहेंगे तीनों…

RAIPUR. newsupindia.com
छत्तीसगढ़ के डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) घोटाला मामले में विशेष कोर्ट ने तीनों आरोपी मुख्यमंत्री सचिवालय की पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया, पूर्व कलेक्टर रानू साहू और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को ईओडब्ल्यू की रिमांड पर सौंप दिया है। आरोपियों को 10 मार्च तक ईओडब्ल्यू रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। डीएमएएफ घोटाले में अब पांच आरोपी सौम्या चौरसिया, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, माया वॉरियर, मनोज द्विवेदी ईओडब्ल्यू की रिमांड पर रहेंगे।

बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) रिमांड खत्म होने के बाद तीनों को कोर्ट में पेश किया गया। आज फिर ईओडब्ल्यू ने 10 मार्च तक रिमांड की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए तीनों आरोपियों को रिमांड पर सौंपा है। आरोप पत्र में अब तक हुई जांच के हवाले से ईडी ने आकलन दिया है कि डीएमएफ घोटाला 90 करोड़ 48 लाख रुपये का है। आरोप पत्र में निलंबित आईएएस रानू साहू, पूर्व उपसचिव सौम्या चौरसिया, कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, महिला बाल विभाग की अफसर रहीं माया वारियर, ब्रोकर मनोज कुमार द्विवेदी समेत 16 आरोपितों के नाम हैं। ईडी की जांच में पता चला कि वर्ष 2021-22 और 2022-23 में मनोज कुमार द्विवेदी ने रानू साहू और अन्य अधिकारियों से मिलीभगत कर अपने एनजीओ उदगम सेवा समिति के नाम पर कई डीएमएफ ठेके हासिल किए थे। अधिकारियों को टेंडर की राशि का 40 प्रतिशत तक कमीशन दिया था। डीएमएफ में इसी से घोटाला हुआ था।

NGO के माध्यम से खेला गया खेल
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट के आधार पर डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। केस में यह तथ्य सामने आया कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया और उसके एवज में भारी कमीशन लिया गया। जांच में यह भी पाया गया कि टेंडर राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में दिया गया है।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here