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Thursday, November 21, 2024

महादेव सट्टा ऐप से जुड़े 18 आरोपियों पर गैंगस्‍टर एक्‍ट, नोएडा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, मुंबई में भी हो चुका है केस दर्ज

रायपुर/नोएडा. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में सुर्खियों में चल रहे महादेव ऑनलाइन बैटिंग एप पर उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। महादेव एप के 18 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्‍ट लगाया गया है। साल 2022 में नोएडा की एक पॉश सोसायटी से महादेव ऐप से जुड़े लोग पकड़े गए थे। नोएडा पुलिस ने इस ऐप को बैन करने पत्र भी लिखा था। इस मामले में नोएडा के थाना 39 में केस दर्ज हुआ था। गिरफ्तार आरोपी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अलावा छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। पुलिस इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। पुलिस ने यह कार्रवाई कमिश्नर के निर्देश पर की है। छत्तीसगढ़ में भी इस मामले की जांच ईडी कर रही है। पुलिस में भी अपराध दर्ज है।

विधानसभा चुनाव सरगर्मी के बीच महादेव ऐप मामले में जमकर राजनीति हो रही है। भाजपा इस मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल को घेर रही है। उधर, मुंबई पुलिस ने भी महादेव ऐप मामले में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी सहित 32 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मुंबई पुलिस ने कथित तौर पर करीब 15,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस ‘महादेव’ सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर सहित 32 लोगों के खिलाफ किया है। माटुंगा पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर केस रजिस्टर किया है। 2019 से अब तक 15 हजार करोड़ को धोखाधड़ी बताया गया है। पुलिस ने इस मामले में IT की धारा 66 (F) लगाई है, उसका मतलब होता है “पनिशमेंट फॉर साइबर टेररिज़म” यह धारा बहुत ही कम मामले में लगाई जाती है।

‘508 करोड़ भुगतान का ईडी ने किया है खुलासा’
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले सप्ताह दावा किया था कि ‘कैश कूरियर’ की ओर से दिए गए बयान से चौंकाने वाले आरोप लगे हैं। महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने अब तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय हैं। बाद में भाजपा ने शुभम सोनी का एक वीडियो जारी किया, जिसमें कहा गया कि वह महादेव ऐप का मालिक है और उसके पास छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने के साक्ष्य हैं। इस मामले को सीएम भूपेश बघेल ने राजनीति से प्रेरित बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा चुनाव में मुकाबला नहीं कर पा रही है इसलिए ईडी-आईटी का सहारा ले रही है।

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