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Tuesday, December 3, 2024

गोदावरी नदी में बन रहा बैराज, तेलंगाना में आएगी खुशहाली और छत्तीसगढ़ का बीजापुर होगा बर्बाद

बासंती सामंत.जगदलपुर

माओवादी हिंसा से जूझ रहे छत्तीसगढ़ के साथ पड़ोसी धर्म निभाने में दूसरे राज्य भी कंजूसी दिखा रहे हैं। प्रदेश को सहयोग देने के बजाय पड़ोसी राज्य नुकसान पहुंचाने पर अमादा है। छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे तेलंगाना प्रदेश की गोदावरी नदी में बन रहे समक्का बैराज से प्रदेश को भारी नुकसान की आशंका है। बांध से पश्चिम बस्तर का बीजापुर इलाका डूबान में आ जाएगा। बैराज बनने से तेलंगाना के लोगों के जीवन में खुशहाली आएगी तो छत्तीसगढ़ के बस्तर के लोगों को भारी नुकसान चुकाना पड़ेगा। बीजापुर की सैकड़ों एकड़ खेती जमीन बर्बाद होने की बातें सामने आ रही है।

जल स्रोतों और बांध परियोजना के जानकार हेमंत कश्यप के मुताबिक समक्का बैराज लगभग बनकर तैयार हो चुका है। निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इन्द्रावती परियोजना मंडल जलसंसाधन बस्तर संभाग की मानें तो 95 प्रतिशत काम हो चुका है। बैराज बनने से तेलंगाना के किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मिलेगी, लेकिन बीजापुर के किसानों की खेती को नुकसान पहुंचेगा। बैराज के बैकवाटर से कृषि भूमि जलमग्न हो जाएगी। तेलंगाना जलसंसाधन विभाग भरोसा जता रहा है कि समक्का के बैकवाटर से बीजापुर इलाके डूबान में नहीं आएगा।

बता दें कि छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका 4 राज्यों की सीमा से सटा हुआ है। पड़ोसी राज्य ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र सहित तेलंगाना बस्तर से जुड़ा है। पोलावरम बांध की वजह से सुकमा क्षेत्र पहले ही परेशानी से जूझ रहा है। वहीं बस्तर सीमा से सटे ओडिशा सरकार की मनमानी से इन्द्रावती नदी में 50-50 फीसदी जल बंटवारा समझौता का माखौल उड़ाते पानी को बण्ड के जरिये रोकने पर अमादा है। यह समस्या पिछले 58 वर्ष से जारी है। वास्तव में राजनीति इच्छशक्ति कमजोर होने का बेजा लाभ पड़ोसी राज्य उठा रहे हैं। पहले कोंटा से सटे आंध्रप्रदेश के गोदावरी नदी में बने पोलावरम राष्ट्रीय बहुउद्देशीय बांध परियोजना से हजारों हेक्टयर कृषि भूमि, 18 ग्राम पंचायतों के साथ-साथ करोड़ों के ग्रेनाइट माइंस और एक आदिवासी समुदाय के विलुप्त होने का खतरा बांध के बेकवाटर से डुबान में आने से बना है। अब तेलंगाना में बने समक्का बैराज के बैकवाटर से बीजापुर का कुछ इलाका डूबान में आने की तैयारी कर रहा है।

परियोजना की लागत 9257.12 करोड़ रुपयेः बीजापुर जल संसाधन विभाग के प्रभारी कार्यपालन अभियंता टंडन के मुताबिक बीजापुर जिला अंतर्गत तारलागुड़ा के समीप गोदावरी नदी पर समक्का बैराज का बैकबाटर का वास्तविक तथ्यात्मक प्रतिवेदन समक्का सागर परियोजना (समक्का सागर बैराज) गोदावरी नदी तुपाकलागुडेम के पास तेलंगाना राज्य में बना है। इस परियोजना की लागत 9257.12 करोड़ है। बैराज की चौड़ाई 1132 मी. है। जल भराव स्तर 83.00 मी. और अधिकतम बाढ़ स्तर 88.00 मी है। बीजापुर जिला अंतर्गत तारलागुड़ा के ग्राम कोत्तूर, कोत्तातार के आस-पास डूब का क्षेत्रफल निकाला गया है।

बैकवाटर से 724 एकड़ भूमि डूबान में आया थाः टंडन के मुताबिक गत वर्ष 15 जुलाई 2022 को अत्याधिक वर्षा व बैराज निर्माण के कारण गोदावरी में बाढ़ आ गया। भोपालपटनम से तारलागुड़ा के बीच राष्ट्रीय राज्य मार्ग नंबर 163 बंद हो गया था। तारलागुड़ा के आस-पास बाढ़ से गांव डूब गए थे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण 17 जुलाई 2022 को बोट द्वारा विधायक एवं कलेक्टर बीजापुर ने किया था। तकनीकी जांच के अनुसार बैराज के बैकवाटर से लगभग 724 एकड़ भूमि डूबान में आया था। बीजापुर जिला अंतर्गत तारलागुड़ा के ग्राम कोत्तूर, कोत्तातार के आस-पास डूब का क्षेत्रफल निकाला गया है।

दोनों राज्यों की संयुक्त टीम करेगी सर्वेः इंन्द्रावती परियोजना मंडल, बस्तर संभाग के अधीक्षण अभियंता करन सिंह भंडारी ने बताया कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की संयुक्त टीम के मध्य सर्वे किया जाएगा। उसके बाद ही कितना क्षेत्र डूबान में आएगा यह पता चल पाएगा। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। पिछले वर्ष भारी वर्षा और बाढ़ के कारण समक्का बैराज के बैकवाटर से बीजापुर जिला के अंतर्गत तरलागुड़ा इलाके में लगभग 800 एकड़ भूमि डूबान में आया था। दोनों राज्यों के संयुक्त सर्वे के बाद ही वास्तविक डूबान क्षेत्र का आकलन किया जाएगा।

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