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Thursday, November 21, 2024

CAA Rules in India: देश में लागू हुआ सीएए, अधिसूचना जारी, जानें किन्हें मिलेगी भारत की नागरिकता

नई दिल्ली. एजेंसी। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 11 मार्च से यह कानून देशभर में लागू हो गया है। इस अधिनियम के लागू होते ही शाहीन बाग समेत कई संवेदनशील जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

सीएए के तहत, 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे और इसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा। इन लोगों को बिना दस्तावेज के भी नागरिकता दी जा सकती है।

साल 2019 में मोदी सरकार ने पास किया था बिल
बता दें कि इस कानून को साल 2019 में ही मोदी सरकार ने पास कर दिया था। उसे लागू करने में आखिर इतने साल का वक्त कैसे लग गया? इस सवाल का जवाब भारतीय जनता पार्टी ने दिया है। BJP अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने मीडिया को बताया कि यह मोदी सरकार की तरफ से उठाया गया स्वागत योग्य कदम है।

‘CAA नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का कानून’
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से आए प्रताड़ित लोगों को हमारी सरकार ने सम्मान दिया है। इस कानून के लागू होने में देरी पर उन्होंने कहा कि कई लोग इस कानून के लागू होने में अड़चने पैदा करना चाहते थे। कुछ लोग वोट की राजनीति के लिए मुसलमानों को बरगलाना चाहता थे, लेकिन मुसलमान भाइयों को जब ये समझ में आया कि ये नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का कानून है, उसके बाद केंद्र सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया।

6 राज्‍य कर चुके हैं व‍िधानसभा में CAA के ख‍िलाफ प्रस्‍ताव
देश में लागू क‍िए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) के विरोध में छह राज्‍यों की ओर से प्रस्ताव भी व‍िधानसभा में पार‍ित क‍िया जा चुका है। इनमें राजस्थान विधानसभा, केरल विधानसभा, पंजाब विधानसभा, पश्चिम बंगाल विधानसभा, पुडुचेरी विधानसभा और तेलंगाना विधानसभा प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं।

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