रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में सुर्खियों में चल रहे महादेव सट्टा एप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल घिरते नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भूपेश बघेल समेत 21 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह FIR 4 मार्च को दर्ज की गई थी, लेकिन इसका खुलासा 17 मार्च को हुआ है। EOW ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दिए आवेदन पर FIR दर्ज की है। इससे पहले ED ने महादेव सट्टा एप मामले में कोर्ट में दिए अपने पूरक चालान में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम का जिक्र किया था। अब FIR के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
बता दें कि राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने ED के प्रतिवेदन पर महादेव ऑनलाइन बैटिंग एप के प्रमोटर्स सहित कारोबारियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपनी प्राथमिकी में साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें बताया गया कि सिडिंकेट बनाकर महादेव एप के जरिए सट्टे का खेल खिलाया जा रहा था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव एप को लेकर न्यायालय में दिए प्रतिवेदन में बताया था कि महादेव बुक एप के प्रमोटर्स रवि उप्पल, शुभम सोनी, सौरभ चंद्राकर, अनिल कुमार अग्रवाल ने विभिन्न लाइव गेम्स में अवैध सट्टेबाजी के लिए ऑफलाइन सट्टेबाजी के स्थान पर विकल्प के रूप में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का निर्माण कर वाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम जैसे माध्यमों से विभिन्न वेबसाइट के जरिए सट्टा खिलाया। यह खेल लॉकडाउन से शुरू हुआ था। विधानसभा चुनाव के पहले भूपेश बघेल पर 508 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगा और लोकसभा चुनाव के आचार संहिता के बाद उन पर FIR दर्ज करने की बात बाहर आई। बता दें कि भूपेश बघेल राजनांदगांव सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं।
मंत्री से संत्री तक सभी को प्रभाव में लिया
महादेव बुक एप के प्रमोटर्स ने ऑनलाइन बैटिंग एप के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही को रोकने के लिए विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी तथा प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त किया गया, जिसके एवज में उन्हें नियमित तौर पर प्रोटेक्शन मनी के रूप में बड़ी राशि दी गई उक्त अवैध राशि की व्यवस्था एवं वितरण के लिए हवाला ऑपरेटरों का इस्तेमाल किया गया। साथ ही पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को अवैध प्रोटेक्शन मनी वितरण के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों का भी उपयोग किया गया।
प्रशासनिक अफसर, पुलिस और नेता घेरे में
यह प्रोटेक्शन मनी की राशि हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से राशि वितरण करने वाले पुलिस अफसरों और कर्मचारी तक पहुंचती थी, जिसे उनके द्वारा संबंधित पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को वितरीत की जाती थी। विभिन्न पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए प्रोटेक्शन मनी के रूप में अवैध आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की गई है। फर्जी दस्तावेजों से खोले गए बैंक खातों और किराये के खातों से करोड़ों का लेन-देन किया गया। मीडिया में खबर न आए इसलिए तथाकथित पत्रकारों को भी महादेव एप की राशि पहुंचती रही। विधायक, कांग्रेस नेताओं के नाम भी इसमें लिप्त हैं।