कांकेर। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने आदिवासी समाज के नेतृत्व में नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। पार्टी 50 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी का नाम चुनाव आयोग को भेज दिया गया है। अब आयोग से सहमति का इंतजार है। उन्होंने सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले नई राजनैतिक पार्टी का नाम “हमर राज पार्टी” बताया है। अरविंद नेताम यह भी कहा कि बसपा और सीपीआई से गठबंधन की बातचीत जारी है। चुनाव को लेकर नेताम के इस स्टंट से राजनीतिक गलियारों में हलचल है।
मीडिया से चर्चा करते हुए अरविंद नेताम ने कहा कि आदिवासी वर्ग के लिए 29 सीटें आरक्षित हैं। इन सभी में पार्टी अपना प्रत्याशी उतारेगी। प्रदेश की 20 सीटें ऐसी हैं, जहां आदिवासी वोटर 20 से 80 हजार तक हैं। यदि कोई दूसरा समाज आदिवासी समाज के साथ आकर चुनाव लड़ता है तो उनका स्वागत है। उन्हें पार्टी से टिकट दिया जाएगा। अरविंद नेताम ने कहा कि बसपा और सीपीआई से गठबंधन की बातचीत जारी है। अगर बात बनती है तो बसपा और सीपीआई के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। अरविंद नेताम ने यह भी खुलासा किया कि वे स्वंय चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे।
समय रहते नहीं संभाले तो मणिपुर जैसी स्थिति
कांग्रेस से इस्तीफा देने के सवाल पर अरविंद नेताम ने कहा कि वर्तमान भूपेश बघेल सरकार से तालमेल का अभाव और आदिवासी समाज के साथ छलकपट की राजनीति को बड़ा कारण रहा। नेताम ने छत्तीसगढ़ और खासकर बस्तर में अंधाधुंध धर्मांतरण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते नहीं संभाला गया तो मणिपुर जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। आदिवासी संस्कृति और संस्कार चर्च में चला जाएगा। आदिवासी समाज को इसे लेकर गंभीर होने की जरूरत है।
बस्तर से लेकर सरगुजा तक हो रहा धर्मांतरण
आरएसएस और अन्य हिन्दूवादी संगठनों पर गंभीर आरोप लगाते हुए अरविंद नेताम ने कहा कि धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर उनके बड़े पदाधिकारी दूर से ही ज्ञान बांटते हैं और फंसता देख चुपचाप निकल लेते हैं और फंसता कौन है गांव का गरीब आदिवासी परिवार का ‘मंगलू’…। आज छत्तीसगढ़ के बस्तर से लेकर सरगुजा तक यही हो रहा है। मीडिया में लगातार यह सुर्खियों में है। बस्तर में देखा और सुना भी जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और घोटाले पर अरविंद नेताम ने तंज कसते हुए कहा कि जहां- जहां पैर पड़ रहा है दल-दल ही नजर आ रहा है। सीटिंग 30 से अधिक विधायकों की टिकट कटने पर नेताम ने कहा कि वो सभी सर्वे रिपोर्ट में नीचे उतर गये है।
आदिवासी अब अपने हक के लिए लड़ेगा
अरविंद नेताम ने कहा कि कांग्रेस की वर्तमान भूपेश बघेल सरकार की आदिवासी विरोधी नीति और पूर्व की सरकारों ने भी हमें निराश और हताश किया है। अब आदिवासी समाज स्वयं मैदान में एक पॉलिटिकल पार्टी के रूप में अपने हक की लड़ाई लड़ने उतरेगा। छत्तीसगढ़ में अब मुख्यमंत्री हमारा ही होगा। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की कठपुतली के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2018 का चुनाव किसकी मदद से जीते और फिर आदिवासियों के सम्मान का मामला, जिसमें वे खरे नहीं उतरे…। 2018 से पहले भाजपा ने आदिवासियों को छला अब वर्तमान कांग्रेस की सरकार भी यही कर रही है।