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Friday, November 22, 2024

छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला में 2 कारोबारियों को हाईकोर्ट से बेल, इधर ED का CBI से जांच कराने पिटीशन

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कथित शराब घोटाले की सुनवाई हुई है। न्यायालय से कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन और नितेश पुरोहित को अंतरिम बेल मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के स्टे का लाभ अभियुक्तों को मिला है। मामले की सुनवाई जस्टिस दीपक तिवारी की सिंगल बेंच में हुई। वहीं शराब घोटाले में रायपुर ईडी के डिप्टी डायरेक्ट ने CBI से जांच की मांग करते हुए पिटीशन फाइल किया है। अब तक कोर्ट से 3 आरोपियों को राहत मिल चुकी है।

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ED ने रायपुर की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल किया था। चार्जशीट में ED की ओर से उजागर किए गए शराब घोटाले से संबंधित दस्तावेज थे। 16 हजार पन्नों की चार्जशीट एक बड़े संदूक में लेकर ईडी के अफसर कोर्ट पहुंचे थे। होटल कारोबारी अनवर ढेबर, शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन और आबकारी विभाग में अधिकारी रह चुके एपी त्रिपाठी को शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया था। ED ने शराब घोटाला मामले में प्रदेश सरकार के दखल का दावा करते हुए केस को CBI को सौंपने पिटीशन फाइल किया है। ED के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने बताया कि शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार आरोपियों को प्रशासनिक संरक्षण दिया जा रहा है।

मेडिकल ग्राउंट पर पहले अनवर को जमानत
सोमवार को मामले की सुनवाई जस्टिस दीपक तिवारी की सिंगल बेंच में हुई। त्रिलोक सिंह ढिल्लो की ओर से अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिया और नितेश पुरोहित की ओर से अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने पैरवी की। इससे पहले शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को हाईकोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिली थी। इस मामले की सुनवाई भी जस्टिस दीपक तिवारी की अदालत में हुई थी। होटल कारोबारी अनवर ढेबर रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई हैं।

16 हजार पन्नों का दस्तावेज में कोर्ट में पेश
रायपुर के विशेष कोर्ट में पेश दस्तावेजों में बताया गया है कि इन लोगों ने सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। कोर्ट में पेश चार्जशीट में ईडी ने इस बात का भी जिक्र किया है कि इन रुपयों को कुछ राजनीतिक साझेदारों के साथ बांटा भी गया। 16000 पन्नों की चार्जशीट में कारोबारियों और अधिकारियों के बीच हुए वॉट्सएप चैट से लेकर शराब घोटाले के सिंडिकेट के बीच कामकाज का ब्यौरा था। ED ने कहा था कि राज्य में 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इसे राज्य के अधिकारियों और दिग्गज नेताओं का समर्थन था। 2000 करोड़ का शराब घोटाला उजागर होने के बाद छत्तीसगढ़ लगातार सुर्खियों में है।

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