- सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने किया हाईकोर्ट जाने का ऐलान
- सरकार ने माना मुआवजा वितरण में हुई बड़ी गड़बड़ी, नेता प्रतिपक्ष ने की सीबीआई जांच की मांग
- भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार का मामला, सीएम साय बोले, कांग्रेस सरकार ने सीबीआई को बैन किया था
RAIPUR. newsupindia.com
विधानसभा बजट सत्र के 12वें दिन विपक्ष ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि यह बड़ी गड़बड़ी है और कई लोग मिले हुए हैं। राजनीतिक दलों के लोग भी मिले हो सकते हैं, इसकी सीबीआई से जांच होने चाहिए। विभागीय मंत्री ने आयुक्त से जांच करने का ऐलान किया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने वॉकआउट किया।
विधानसभा में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी स्वीकार करते हुए कहा कि अधिसूचना के बाद रकबे का टुकड़ा किया गया। अधिकृत भूमि का दोबारा भू-अर्जन किया गया। ट्रस्ट के बदले ट्रस्ट के व्यक्ति को मुआवजा मिल गया। डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी पर कार्रवाई की गई है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया जाए। निलंबन ऐसी प्रक्रिया है, जिससे दोषी जल्द बच जाते हैं। निलंबन से लौटने के बाद फिर अधिकारी उसी हिसाब से काम करते हैं। मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है कि मामले की सीबीआई जांच की मांग स्वीकार कर लें। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने मामले की जांच आयुक्त से कराने का ऐलान किया। विषय पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जांच में कहीं हीलाहवाला नहीं किया जाएगा। कांग्रेस की सरकार ने तो सीबीआई को बैन किया था। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की समिति बनाकर मामले की जांच कराने की मांग की।
ईडी-सीबीआई पर कांग्रेस को कबसे भरोसा
भारतमाला परियोजना में जांच की मांग पर विपक्ष के हंगामे के बीच सत्तापक्ष के विधायक रिकेश सेन ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस को केंद्रीय एजेंसी पर कब से भरोसा हो गया। जो लोग सीबीआई को बैन करते हैं। ईडी पर भरोसा नहीं है। वह आज जांच की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने शिकायत के आधार पर जांच के दायरे पर सवाल उठाया। मंत्री ने कहा कि आयुक्त से विस्तृत जांच कराई जाएगी। इसके बाद भारतमाला परियोजना के गड़बड़ी पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर हाईकोर्ट जाने का ऐलान किया। इसके साथ ही पूरे विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।
केलो प्रोजेक्ट में भू-अर्जन में गड़बड़ी पर उबला सदन
विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केलो प्रोजेक्ट में जमीनों की अफरा-तफरी का आरोप लगाया। विपक्षी सदस्यों ने सदन की समिति से मामले की जांच कराने की मांग को लेकर हंगामा मचाया। इस पर मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने प्रश्नकाल के दौरान केलो प्रोजेक्ट में भू-अर्जन का मुद्दा उठाते हुए पूर्णता को लेकर सवाल पूछा। मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि परियोजना 80% पूरी हो चुकी है। प्रोजेक्ट में 23 प्रकरण लंबित होने के अलग-अलग कारण हैं। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रोजेक्ट में जमीनों की अफरा-तफरी का आरोप लगाते हुए सदन की समिति से मामले की जांच कराने की बात कही। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि विभागीय रूप से जांच कराई जाएगी। इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि सदन की समिति से जांच होनी चाहिए। इस पर विपक्ष ने हंगामा मचाते हुए नारेबाजी की। इसके साथ मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।