रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा कि प्रदेश की ओडीएफ योजना में बड़ी गडबड़ी हुई है। पूर्व की डॉ. रमन सिंह सरकार द्वारा राज्य को ओडीएफ घोषित करने के बाद भी 15 लाख परिवार उन्नत शौचालय की सुविधा से वंचित हैं। इन परिवारों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि 12000 रुपये प्रति परिवार से बढ़ाकर 30000 रुपये की जानी चाहिए। सीएम बघेल ने अतिवाद प्रभावित तथा दुर्गम क्षेत्रों में ऐसे शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायतों के माध्यम से स्वीकृत करने का आग्रह भी किया है।
सीएम भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कराए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 6 (2019-21 ) में यह पाया गया है कि छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में 88.2 प्रतिशत परिवार और ग्रामीण क्षेत्रों के 73.5 प्रतिशत परिवार उन्नत शौचालय सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। इस तरह राज्य के कुल परिवारों में से 76.8 प्रतिशत परिवार उन्नत शौचालय सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। 23.2 प्रतिशत परिवार अब भी इस सुविधा से वंचित हैं। पिछले महीने राज्य सरकार द्वारा कराए गए सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के दौरान शौचालयों के भौतिक सत्यापन से राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के जारी आंकड़ों में इसकी पुष्टि हो रही है।
शौचालयों के निर्माण में 4000 करोड़ खर्च
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पूर्व की भाजपा सरकार यानी डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में राज्य में 32 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया और जनवरी 2018 में पूरे राज्य को ओ.डी.एफ घोषित किया गया था। शौचालयों के निर्माण में लगभग 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। इतनी राशि व्यय करने के बाद भी राज्य के लगभग 15 लाख परिवारों को वर्तमान में उन्नत शौचालय की सुविधा न होना चिंता और जांच का विषय है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
प्रोत्साहन राशि 30 हजार स्वीकृत किया जाए
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हुए लिखा है कि भारत सरकार के प्रशासकीय विभाग द्वारा स्वतंत्र तृतीय पक्ष के माध्यम से वस्तुस्थिति की जांच कराई जाये तथा राज्य की भौगोलिक एवं जनांकिकीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्नत शौचालय सुविधा रहित परिवारों के लिए शौचालय निर्माण के लिए प्रति परिवार प्रोत्साहन राशि को 12 हजार के स्थान पर 30 हजार रुपये करते हुए राशि स्वीकृत की जावे। नक्सल प्रभावित तथा दुर्गम क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से शौचालय निर्माण की सहमति भी दी जाए।