RAIPUR. न्यूजअप इंडिया.कॉम
सत्ता के गलियारों खबर आ रही है कि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार जल्द होने जा रहा है। पता चला है कि मंत्रिमंडल के विस्तर के विषय को लेकर भाजपा के संगठन मंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी नीतीन नबीन रायपुर पहुंच रहे हैं। कहा तो ये भी जा रहा कि वे मंत्रियों के नाम का लिफाफा लेकर आ गए हैं। ऐसी भी चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में अब हरियाणा मॉडल की तर्ज पर 13 मंत्री बनाए जाएंगे। जिन तीन लोगों को मंत्री पद में जगह मिलेंगी उनमें बिलासपुर के विधायक अमर अग्रवाल, रायपुर के विधायक पुरंदर मिश्रा और दुर्ग शहर के गजेंद्र यादव के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं।
बता दें कि 21 दिसंबर 2023 को शपथ 11 मंत्रियों का हुआ था। बृजमोहन अग्रवाल के सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मंत्रिमंडल में रिक्त सीटों की संख्या बढ़कर दो हो गई। चूंकि इतने छोटे मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की कमी काफी होती है। करीब 10 परसेंट। इससे मंत्रियों के कामकाज पर भी प्रभाव पड़ रहा है। जिन मंत्रियों में एक विभाग संभालने की क्षमता नहीं, उन्हें दो-दो, तीन-तीन विभाग मिल गए हैं। मंत्री विभागों के बोझ से दबे हुए हैं। कामकाज में भी कसावट नहीं आ रहा है। ऐसे में तीन मंत्रियों के अलावा 10 संसदीय सचिव भी बनाए जाएंगे। संसदीय सचिव में नए विधायकों को मौका मिलेगा। दुर्ग राजनांदगांव, महासमुंद, बिलासपुर, रायपुर और बस्तर संभाग के जिलों से संसदीय सचिव बनाए जाएंगे।
दो डिप्टी सीएम के विभाग कम होंगे
दोनों उप मुख्यमंत्रियों के पास सबसे अधिक वर्क लोड है। डिप्टी सीएम अरुण साव के पास पीडब्लूडी, नगरीय प्रशासन और पीएचई है। ये तीनों विभाग कभी भी किसी एक मंत्री के पास नहीं रहा। कोई कितना भी काबिल मंत्री हो, ये तीनों विभाग नहीं संभाल सकता। इनमें सबसे छोटा विभाग पीएचई में ही 25 हजार करोड़ का जलग्रहण मिशन का कार्य चल रहा है। यही हाल दूसरे डिप्टी सीएम विजय शर्मा का है। उनके पास गृह, जेल के साथ ही पंचायत और तकनीकी शिक्षा है। ये तीनों विभाग एक मंत्री संभाले ये कतई संभव नहीं। दोनों डिप्टी सीएम के कुछ विभाग कम कर नए मंत्री को दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री के पास बृजमोहन अग्रवाल के मंत्री छोड़ने के बाद आए विभाग भी नए मंत्री को दिए जाएंगे।
किसी मंत्री को ड्रॉप नहीं किया जाएगा
इस बार किसी मंत्री को ड्रॉप नहीं किया जाएगा। बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सवा साल का टाईम बहुत कम होता है। किसी भी स्टेट में सिर्फ परफर्मेंस के आधार पर साल भर में मंत्री नहीं बदला जाता। अगर कोई बड़ा स्कैम या स्कैंडल सामने आ जाए तभी मंत्रियों को इतना जल्द हटाया जाता है। जाहिर है, अगर साल भर में मंत्री बदलने लगे तब तो फिर खौफ में आकर मंत्री काम ही नहीं कर पाएंगे। फिर पार्टी नेतृत्व के सलेक्शन पर भी सवाल खड़े होंगे कि बिना होम वर्क के मंत्री कैसे बना दिया गया। इसलिए किसी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा। विभाग जरूर बदले जाएंगे।
छत्तीसगढ़ में भी होंगे 13 मंत्री
हरियाणा में भी 90 विधायक हैं। वहां 13 मंत्री बनाए गए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में 12 ही हैं। छत्तीसगढ़ में पहले कभी इसके लिए प्रयास नहीं किया गया। कुल विधायकों के हिसाब से 15 परसेंट में साढ़े बारह मंत्री होते हैं। ऐसे में हरियाणा ने 13 मंत्री करा लिया। इसी आधार पर छत्तीसगढ़ में भी 13 मंत्री बनाए जाने पर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सहमत हो गया है। याने मुख्यमंत्री प्लस 13 मंत्री। इस समय मुख्यमंत्री प्लस 10 मंत्री हैं।
मंत्री के लिए इन नामों की चर्चा…
विष्णुदेव कैबिनेट में तीन नए मंत्रियों में दो नाम तो पुराने ही हैं। पुराने से मतलब ये दोनों नाम पिछले तीन महीने से पब्लिक डोमेन में हैं। इनमें अमर अग्रवाल और गजेंद्र यादव हैं। दोनों नाम अभी भी चर्चा में बने हुए हैं। अमर अग्रवाल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पसंद हैं तो वहीं गजेंद्र यादव पार्टी की पसंद बताए जा रहे हैं। अमर अग्रवाल छत्तीसगढ़ भाजपा के पितृ पुरुष कहे जाने वाले स्व. लखीराम अग्रवाल के बेटे हैं। वहीं गजेंद्र पूर्व प्रांत प्रमुख बिसराराम यादव के बेटे हैं। संघ पृष्ठभूमि के गजेंद्र को बिहार इलेक्शन के संदर्भ में मंत्री बनाना आवश्यक माना जा रहा है। विष्णुदेव कैबिनेट के तीसरे मंत्री के लिए रायपुर विधायक राजेश मूणत और पुरंदर मिश्रा की प्रबल दावेदारी थी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पुरंदर मिश्रा का नाम लगभग फायनल हो गया है। पुरंदर मिश्रा के लिए देशभर से ओडिशा समाज और उत्कल ब्राह्मण समाज का प्रेशर है। एक प्रभावशाली महिला की सिफारिश भी है।