रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2000 से अधिक शिक्षकों की पोस्टिंग को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अनुमोदन के बाद विभाग ने यह फैसला किया है। विभाग ने एक आदेश ऐसा तैयार किया है कि शिक्षकों को कानूनी राहत की गुंजाइश नहीं के बराबर होगी। रिपोर्ट में पांचों कमिश्नरों की जांच का हवाला दिया है, जिसमें सभी ने प्रमोशन के बाद पोस्टिंग में भारी भ्रष्टाचार किए जाने की पुष्टि की है।
बता दें कि तय सिस्टम को दरकिनार कर अधिकारियों ने अपना नया सिस्टम बना लिया था, जिस पर कार्रवाई हुई है। सरकार ने पोस्टिंग रद्द करने के लिए 7 पन्नों का ऐसा आदेश तैयार किया है, जिससे शिक्षकों के लिए कानूनी राहत की गुंजाइश कम रह जाएगी। आदेश में पूरा विवरण लिखा गया है कि अधिकार न होने और तबादलों पर रोक के बावजूद संयुक्त निदेशकों ने कैसे तबादले कर दिए। इस मामले में राज्य के 11 अधिकारियों को भी निलंबित किया जा चुका है।
इन अफसरों को किया गया है सस्पेंड
शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में सरकार ने एक्शन लेते हुए के कुमार तत्कालीन संयुक्त संचालक (शिक्षा) रायपुर, सीएस ध्रुव डीईओ बलौदाबाजार-भाटापारा, सहायक संचालक डीएस ध्रुव संभागीय शिक्षा कार्यालय रायपुर, सहायक संचालक शैल सिन्हा, सहायक संचालक उषा किरण खलखो समेत कई अधिकारी शामिल हैं। हेमंत उपाध्याय प्रभारी संयुक्त संचालक सरगुजा और फिर गरियाबंद के प्रभारी डीईओ डीएस चौहान को भी ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाले में सस्पेंड किया गया।
इन संभागों में इतने पोस्टिंग रद्द
- रायपुर संभाग से 543 संशोधन आदेश निरस्त
- बिलासपुर संभाग से 799 संशोधन आदेश निरस्त
- दुर्ग संभाग से 437 संशोधन आदेश निरस्त
- सरगुजा से 385 संशोधन आदेश निरस्त
- बस्तर से 558 आदेश को निरस्त किया गया