SAKTI. न्यूजअप इंडिया.कॉम
छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई जारी है। एसीबी की टीम ने सक्ती जिले में नौकरी लगाने के नाम पर रिश्वत लेते मंडल निरीक्षक को रंगे हाथों पकड़ा है। नौकरी पर वापस बहाल कराने के लिए डेढ़ लाख रुपये रिश्वत मांग रहा था। प्रार्थी ने इसकी शिकायत एसीबी में कर दी। जांच में मामला सही पाया गया। इसके बाद ट्रैप कर घूसखोर मंडल निरीक्षक को 50 हजार के साथ गिरफ्तार किया गया है। दो महीनेभर के भीतर सक्ती जिले में एसीबी द्वारा रिश्वतखोर को पकड़ने की यह यह दूसरी कार्रवाई है।
बता दें कि ग्राम कुटराबोड़ जिला सक्ती के राजेंद्र जांगड़े ने एसीबी बिलासपुर में नौकरी के नाम पर रिश्वत लेने की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि उसका बेटा रवींद्र जांगड़े बालक अनुसूचित जाति बालक आश्रम कुटराबोड़ में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में चौकीदारी और रसोइया का काम करता है। एक माह पूर्व इस छात्रावास में लगे इलेक्ट्रिक बोर्ड को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था, जिससे उसके बेटे रवींद्र जांगड़े को उसके पद से हटा दिया गया था। रवींद्र जांगड़े ने उसे (प्रार्थी राजेंद्र जांगड़े) को अफसरों से मिलकर काम पर बहाल कराने निवेदन करने भेजा था।
50 हजार रुपये के साथ पकड़ाया आरोपी
राजेंद्र जांगड़े आदिवासी विकास विभाग जिला सक्ती के जैजैपुर कार्यालय में पदस्थ मंडल निरीक्षक संदीप खांडेकर से मिला तो मंडल निरीक्षक ने रवींद्र जांगड़े को पुनः सेवा में लेने के एवज में डेढ़ लाख रुपये रिश्वत की डिमांड की थी। शिकायत का सत्यापन कराए जाने के दौरान आरोपी ने 50000 रुपये प्रार्थी से ले लिया था। अगले किस्त के रूप में 50000 रुपये और लेने की सहमति दी गई थी। शिकायत के आधार पर कार्रवाई की योजना बनाकर एसीबी बिलासपुर की टीम ने आरोपी संदीप खांडेकर को रिश्वती रकम ₹50000 देने के लिए प्रार्थी को रिश्वती रकम सहित भेजा था।
रिश्वत की रकम को अपनी कार में रखवाया
आरोपी संदीप खांडेकर द्वारा प्रार्थी को सक्ती कलेक्ट्रेट से लगे आदिवासी विकास विभाग के कार्यालय में बुलाया। प्रार्थी ने वहां जाकर आरोपी को रिश्वत की रकम 50000 रुपये दिया, जिसे आरोपी ने उसे अपनी कार में रखवाया। रिश्वती रकम को कार में रखते ही घेराबंदी में लगी एसीबी की टीम ने आरोपी संदीप खांडेकर को पकड़ लिया। आरोपी से रिश्वत की रकम भी बरामद की गई। आरोपी के विरुद्ध एसीबी ने धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की। बता दें कि करीब 2 माह के भीतर ही कुटराबोड जैजैपुर में राजस्व निरीक्षक बद्रीनारायण जांगड़े को भी रिश्वत लेते हुए एसीबी बिलासपुर के टीम ने पकड़ा था।