रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 24 साल के इतिहास में पहली बार प्रदेश के किसी जिले में कलेक्टर-एसपी कार्यालय को उग्र भीड़ ने जलाकर फूंक डाला। जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। उग्र भीड़ सब कुछ तहस-नहस करती रही। हालात बेकाबू होते देर नहीं लगी। संयुक्त जिला कार्यालय में खड़ी गाड़ियों पर भी भीड़ कहर बनकर टूटी। सैकड़ों गाड़ियां कुछ घंटों में जलाकर खाक कर दी गई। नाराज सतनामी समाज की उग्र भीड़ ने जमकर पत्थर बरसाए। इस घटना में दर्जनभर से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि प्रशासन का सूचना तंत्र फेल था।
बलौदाबाजार में इतनी बड़ी हिंसक घटना के बाद अब साय सरकार इसके पीछे की वजह तलाश रही है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि एक सामाजिक आंदोलन आखिर कैसे हिंसक आदोलन में तब्दील हो गया? इस हिंसक आंदोलन को किसने हवा दी? जैतखाम को काटे जाने के बाद से अब तक आक्रोशित समाज के भीतर चल रही हलचल को आंकने की चूक आखिर प्रशासन ने कैसे कर दी? हिंसक आंदोलन के बाद अब सवाल कलेक्टर-एसपी की भूमिका पर भी उठाए जा रहे हैं। यह भी बातें सामने आई है कि कलेक्टर-एसपी इससे पहले जहां, पदस्थ रहे वहां कोई न कोई विवाद भी इनसे जुड़ा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सरकार कलेक्टर और SP को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है। वहीं कांग्रेसी विष्णु के सुशासन पर सवाल उठा रहे हैं।
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FSL की जांच टीम को मिले अहम सबूत
बलौदाबाजार घटना पर बड़ा अपडेट सामने आया है। यहां सुनियोजित तरीके से कलेक्ट्रेट-एसपी दफ्तर में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम देने के संकेत मिल रहे हैं। रायपुर से आई एफएसएल की जांच टीम को प्रारंभिक सबूत के रूप में कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर पेट्रोल बम के निशान मिले हैं। साथ ही बड़ी संख्या में पत्थर मिले हैं, जो आसपास के नहीं है। यह सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा। भीड़ पत्थर बरसाती रही और पुलिस-प्रशासन बेबस नजर आया।
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शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया
बता दें कि 15 मई की रात सतनामी समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल कहे जाने वाले गिरौदपुरी धाम के करीब मानाकोनी बस्ती की बाघिन गुफा में धार्मिक आस्था के प्रतीक जैतखाम को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना हुई। जैतखाम को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना के बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। समाज ने कहा कि जेल भेजे गए लोग असली आरोपी नहीं है। समाज ने CBI जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया था। प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया। पुलिस और प्रशासन को इस हिंसा का आभास भी नहीं हो पाया। यह बड़ी चूक नजर आ रही है।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा पहुंचे बलौदाबाजार
जिला मुख्यालय बलौदाबाजार स्थित संयुक्त जिला कार्यालय में की गई तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटना का जायजा लेने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा रात्रि करीब 1:30 बजे बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा भी थे। उन्होंने कलेक्टर एव एसपी से घटना की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने पूरे परिसर में हुई आगजनी, जिला पंचायत, कुटुंब न्यायालय, जिला और जनपद पंचायत कार्यालय सहित शहर का भी मुआयना कर नुकसानों का जायजा लिया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश संबधित अधिकारियों को दिए है।
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घटना में करोड़ों की संपत्ति का हुआ नुकसान
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि भारी संख्या में वाहनों को क्षति पहुंचाया गया है। शासकीय संपत्ति को नुकसान हुआ है, रिकॉर्ड रूम में न जाने कितनी दस्तावेज जल चुकी है, बिल्डिंग को जला दिया गया है जो की बड़ी मुश्किल से तैयार होती है। उन्होंने कहा कि सरकारी सम्पति को तबाह करने वाले समाज के नहीं होते। पूरे प्रदेश में परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास को माना जाता है। वे श्वेत ध्वजवाहक हैं तथा शांति के प्रतीक हैं। सभी प्रकार की चर्चा के बाद न्यायिक जांच की घोषणा मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गई थी। इस पर समाज के लोगों ने संतुष्टि जाहिर की थी। असामाजिक तत्वों ने भीड़ में घुसकर घटना को अंजाम दिया है, जिसकी जांच की जा रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।