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Sunday, November 17, 2024

उत्तर प्रदेश में मौत का प्रवचन: कौन हैं वो ‘संत भोले बाबा’ जिसके सत्संग में लगा लाशों का ढेर, भगदड़ की यह बताई जा रही वजह…

हाथरस. एजेंसी। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्‍संग के दौरान भगदड़ मच गई। हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के गांव फुलरई में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में ज्‍यादातर महिलाएं और बच्‍चे शामिल हैं। इस हादसे में 150 से अधिक श्रद्धालु घायल भी हो गए हैं। मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। अब सवाल उठ रहा है कि आखिर भोले बाबा कौन हैं… जिनके सत्संग में इतना बड़ा हादसा हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संत भोले बाबा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के पटियाली तहसील के गांव बहादुर नगर के रहने वाले हैं। उन्हें नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा नाम से जानते हैं। पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे, लेकिन 18 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया। भोले बाबा अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहते हैं और उत्तर प्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों में घूम कर लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। खुद भोले बाबा कहते हैं कि बचपन में वह अपने पिता के साथ खेती बाड़ी का काम करते थे। जवान हुए तो पुलिस में भर्ती हो गए। उनकी पोस्टिंग राज्य के दर्जनभर थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में रही है।

ये कार्यक्रम के पोस्टर हैं जो आस पास के इलाक़ों में लगाये गये थे। (फोटो- इंटरनेट मीडिया)

बाबा का काफिला निकले ही हुआ भगदड़
लगभग 50 हजार की संख्या में अनुयायियों को सेवादारों ने जहां थे, वहीं रोक दिया। सेवादारों ने साकार हरि बाबा के काफिले को वहां से निकाला। उतनी देर तक वहां अनुयायी गर्मी और उमस में खड़े रहे। बाबा के काफिले के जाने के बाद जैसे ही सेवादारों ने अनुयायियों को जाने के लिए कहा, इसके बाद वहां भगदड़ मच गई और यह बड़ा हादसा हो गया। इधर इस हादसे के बाद योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और डीजीपी को घटना स्थल भेजा है। मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

‘मेरा कोई गुरु नहीं, ईश्वर से बेहद लगाव’
संत भोले बाबा के मुताबिक, मेरा कोई गुरु नहीं है। मुझे ईश्वर से बेहद लगाव हैं। एक बार उनका अहसास हुआ था। उसके बाद मैंने अपनी पूरी जिंदगी मानव कल्याण में लगा दी। संत भोले बाबा के यूपी, राजस्थान और एमपी में हैं लाखों अनुयायी हैं। बता दें कि 2 साल पहले भी जब देश में कोराना की लहर चल रही थी, उस समय उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में मई 2022 में इनके सत्संग का आयोजन किया गया था।

पत्नी के साथ सत्संग करते हैं भोले बाबा
‘भोले बाबा’ का असली नाम नारायण साकार हरि बताया जा रहा है। अध्यात्म की दुनिया में आने से पहले वह पुलिस विभाग के गुप्तचर शाखा में थे। नारायण साकार अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं। इनके सत्संग को ‘मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम’ कहा जाता है। भोले बाबा का कार्यक्रम हाथरस के गांव फुलरई में आयोजित था। आयोजकों ने SDM से ली थी, लेकिन प्रशासन को भक्तों की संख्या नहीं बताई गई। कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा भक्त पहुंचे थे।

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