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Monday, February 17, 2025

महादेव एप सहित 22 ऑनलाइन सट्टा एप्स बैन, छत्तीसगढ़ में ED के एक्शन के बाद केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, CM भूपेश बोले- अब होश आया

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ सहित देशभर में सुर्खियों में आने वाला महादेव सट्टा एप पर केंद्र सरकार ने ब्लॉकिंग का आदेश जारी किया है। ऑनलाइन सट्टा एप को लेकर हर दिन हो रहे नए-नए खुलासा के बाद केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने महादेव बुक और रेड्डीअन्ना प्रिस्टोप्रो सहित 22 अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइटों को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है। केंद्र सरकार द्वारा यह कदम एक अवैध सट्टेबाजी एप सिंडिकेट की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच और उसके बाद छत्तीसगढ़ में महादेव बुक एप पर छापे के बाद उठाया गया है, जिसमें ऐप के अवैध संचालन का खुलासा हुआ था।

केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ सरकार के पास आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने की पूरी शक्ति थी। हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया और ऐसा कोई अनुरोध भी नहीं किया। सरकार पिछले डेढ़ सालों से इसकी जांच कर रही है। एप ब्लॉक करने वास्तव में, ईडी से पहला और एकमात्र अनुरोध प्राप्त हुआ है और इस पर कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार को इसी तरह के अनुरोध करने से किसी ने नहीं रोका था।’

आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आयाः सीएम भूपेश
इधर महादेव एप सहित 22 ऑनलाइन सट्टा एप को बैन करने पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल का बयान सोशल मीडिया में आया है। उन्होंने X पर लिखा- ‘आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आया और उसने ‘महादेव ऐप’ पर बैन लगाने का फ़ैसला किया। मैं कई महीनों से सवाल पूछ रहा हूं कि सट्टा खिलाने वाले इस ऐप पर केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं रही है। मैंने तो यहां तक कहा था कि शायद 28 प्रतिशत जीएसटी के लालच में प्रतिबंध नहीं लग रहा है या फिर भाजपा का ऐप संचालकों से लेन-देन हो गया है।

आश्चर्य है कि ईडी महीनों से इस मामले की जांच कर रही है और फिर भी ऐप का संचालन लगातार होता रहा। अब केंद्र सरकार को होश आ ही गया है तो अच्छा है कि इस ऐप के संचालकों को भी दुबई से यथाशीघ्र गिरफ़्तार कर भारत लाया जाए। छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट नोटिस जारी किया था। उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस भी रिमांड में लेकर पूछताछ करना चाहेगी, क्योंकि यहां तो सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज हुए हैं।’

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