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Saturday, July 27, 2024

विष्णुदेव सरकार का छत्तीसगढ़ के युवाओं के हित में बड़ा फैसला, भर्ती की आयु सीमा में 5 साल की छूट को 5 साल और बढ़ाया, जानिये क्या होगा फायद

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओें के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। इसका लाभ राज्य के लाखों युवाओं को मिलेगा। छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष में दी गई 5 वर्ष की छूट को कैबिनेट में 5 साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। अभ्यर्थियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट का लाभ 31 दिसंबर 2028 तक मिलेगा।

विष्णुदेव साय कैबिनेट ने बैठक में यह भी निर्णय लिया कि अन्य विशेष वर्गों को अधिकतम आयु सीमा में मिल रही छूट पहले जैसे ही मिलती रहेगी। सभी छूट को मिलाकर अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष होगी। यह छूट गृह (पुलिस) विभाग के लिए लागू नहीं होगी, लेकिन वर्तमान में छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला पुलिस आरक्षक संवर्ग के लिए लंबे समय से चल रही भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया है कि पुलिस आरक्षक संवर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों को उच्चतर आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दी जाएगी।

आवेदन करने से अपात्र हुए लोगों को मिलेगा मौका
बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला पुलिस आरक्षक संवर्ग में भर्ती के लिए वर्ष 2018 में 2259 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसके पश्चात लगभग 5 वर्ष के बाद 4 अक्टूबर 2023 को आरक्षक संवर्ग के 5967 रिक्त पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है, जिसके लिए अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया जारी है। कैबिनेट के इस निर्णय से आरक्षक संवर्ग के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया में पुरुष अभ्यर्थियों को उच्चतर आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट मिलेगी। राज्य के लाखों युवा जो पूर्व निर्धारित आयु सीमा के चलते आवेदन करने से अपात्र हुए हैं, उन्हें इस छूट के चलते पुलिस आरक्षक संवर्ग की भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

राजनीतिक आंदोलनों के प्रकरण कोर्ट से वापस होंगे
कैबिनेट की बैठक में एक और अहम फैसला लिया गया। विशुद्ध रूप से राजनीतिक आंदोलनों से संबंधित प्रकरणों की न्यायालयों से वापसी के लिए मंत्रि परिषद की एक उप समिति डिप्टी सीएम विजय शर्मा की अध्यक्षता में गठित की गई है। समिति में सदस्य के रूप में विधि मंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम, कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े शामिल रहेंगे। उक्त समिति इन प्रकरणों पर विचार-विमर्श कर आगे की कार्यवाही के लिए अपनी अनुशंसा देगी।

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