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Sunday, September 8, 2024

राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इदरीस गांधी को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने पद पर बने रहने का दिया आदेश, बैकफुट पर साय सरकार

बिलासपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष इदरीस गांधी को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने उन्हें उनके पद पर बने रहने का आदेश जारी किया है। न्यायमूर्ति एनके चंद्रवंशी की एकलपीठ ने राज्य शासन को कड़ी फटकार भी लगाई गई। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा, तीन साल के पहले इदरीस गांधी को पद से नहीं हटाया जा सकता है। इससे पहले महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक के केस में भी राज्य सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है।

दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा गया कि क्लॉज 7 और 9 के तहत वैधानिक प्रावधान है, जिसके तहत तीन वर्ष से पहले पद से नहीं हटाया जा सकता। पद से हटाने के लिए जो वैधानिक प्रावधान हैं उनका पालन किये बगैर मनमाने तरीके से हटाने का आदेश जारी करना पूर्णतः अवैधानिक कार्रवाई है। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, हटाने के किसी भी प्रकिया का पालन राज्य सरकार ने नहीं किया है। न्यायालय ने उर्दू अकादमी के अध्यक्ष को कार्य करने की अनुमति दी है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि GAD का आदेश पूरी तरह अवैधानिक है।

महिला आयोग अध्यक्ष को भी हाईकोर्ट से राहत
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सत्ता परिवर्तन होने से किसी को अचानक पद से नहीं हटाया जा सकता। गलत अर्थ लगाकर छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी की नियुक्ति को मनमाने तरीके से रद्द नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष की नियुक्ति को मनमाने तरीके से रद्द करने से पहले उच्च न्यायालय के आदेशों का अध्ययन करें। इसके पहले हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक को राहत दी थी और अध्यक्ष पद से हटाने संबंधी राज्य शासन के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।

राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश
बता दें कि राज्य की सत्ता पर काबिज होने के बाद भाजपा सरकार ने कांग्रेस शासनकाल में निगम, मंडल, प्राधिकरण और बोर्ड में की गई राजनीतिक नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश जारी कर दिया। इससे याचिकाकर्ता को मिली सुरक्षा व्यवस्था को भी शासन ने हटा ली थी। इसके खिलाफ किरणमयी ने हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुरक्षा के साथ ही मिलने वाली सुविधाओं को बहाल करने का निर्देश दिया था।

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