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Tuesday, February 11, 2025

प्रत्याशी बनने दावेदार लगा रहे जुगाड़, खुद को बता रहे दूसरे से बेहतर, दिग्गजों के दरबार में हाजिरी के साथ होर्डिंग में लाखों खर्च कर चमका रहे चेहरा…

  • नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में आरक्षण के बाद थोक में दावेदार
  • 10 नगर पालिक निगम, 47 नगर पालिका परिषद और 95 नगर पंचायत में चुनाव के कार्यक्रम जारी होंगे

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब भाजपा और कांग्रेस में दावेदारी की रेस शुरू हो चुकी है। रायपुर नगर निगम में महापौर की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। ऐसे में दोनों ही पार्टियों की नेत्रियां खुलकर पार्टी के सामने अपनी दावेदारी रख रही है। कुछ नाम खुलकर सामने भी आए हैं, वहीं कुछ नामों की संगठन में चर्चा भी तेज हो चुकी है। दावेदार खुद को बेहतर साबित करने दिग्गज नेताओं के दरबार में हाजिरी भी लगा रहे हैं। टिकट का जुगाड़ जमाया जा रहा है और लाखों के होर्डिंग लगाकार सबकी नजर में आना चाहते हैं।

रायपुर सीट महिला आरक्षित होने के बाद पुरुष दावेदारों की नींद उड़ गई। अब कांग्रेस-भाजपा सहित दूसरी पार्टी के कई नेता अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के लिए टिकट का जुगाड़ लगाने में लगे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी में दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। रायपुर नगर निगम में महापौर बनने दोनों ही पार्टी में दर्जनभर से ज्यादा दावेदार हैं। पूर्व विधायक भी अपनी पत्नी को टिकट दिलाने का जुगाड़ जमा रहे हैं। वहीं भाजपा की कई नेत्रियां दिल्ली से टिकट लाने का प्रयास तेज कर चुकी है। फोन से दिल्ली बातें भी हो रही है। दावेदारों में कांग्रेसी नेताओं की पत्नियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। इसमें पूर्व विधायक, पूर्व महापौर, पूर्व विधायक प्रत्याशी जैस नेताओं की पत्नियों के नाम शामिल हैं।

लाखों-करोड़ों का होगा निकाय चुनाव
रायपुर नगर निगम सहित प्रदेश के दूसरे नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायतों लिए आरक्षण तय होने के बाद तो ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह चुनाव करोड़ों का होगा। अभी आदर्श आचार संहिता लगी भी नहीं है और लाखों के होर्डिंग से चौक-चौराहे और गलियां पट गए हैं। राजधानी रायपुर के चौक-चौराहों पर तो बड़े-बड़े फ्लैक्स लगे नजर आ रहे हैं। दूसरे से खुद को बेहतर साबित करने और सबकी नजर में आने ऐसा प्रोपेगेंडा किया जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस के नेत्रियां शहर के गली-मोहल्ले में होने वाले आयोजनों में भी पहुंच रहे हैं। कार्यक्रमों में दिलखोलकर चंदा भी दे रहे हैं। इससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार का नगरीय निकाय चुनाव करोड़ों में पहुंचने वाला है।

कांग्रेस के पास सीट बचाने की चुनौती
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के लिए नगरीय निकाय चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है। पिछली बार नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत शानदार था। प्रदेश के सभी नगर निगमों में कांग्रेस के महापौर बने थे। इस लिहाज से कांग्रेस के सामने अपनी जीत का सिलसिला जारी रखने की बड़ी चुनौती है। रायपुर के साथ दुर्ग नगर निगम पर भी सबकी नजर है। सभी जगहों पर अभी कांग्रेस के महापौर थे।

टिकट से पहले कांग्रेस कराएगी सर्वे
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पार्टी के लिए नगरीय निकायों में जीत सबसे अहम है। जो भी कैंडिडेट में जीत की क्षमता और सक्रियता नजर आयेगी, निश्चित रूप से पार्टी उन्हें मौका देगी। सबसे अहम फैक्टर जीत है। टिकट देने से पहले पार्टी द्वारा सर्वे कराने की बात भी कही जा रही है। बता दें कि कांग्रेस का इतिहास निकायों में जीत दर्ज करने का रहा है, लेकिन यह स्पष्ट है कि बीते विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिले शिकस्त को देखते हुए जीत सुनिश्चित करने कैंडिडेट्स का चयन कांग्रेस बेहद सोच समझ कर करने वाली है, जिसके लिये सर्वे की भी तैयारी है।

बीजेपी में संगठन नेतृत्व करेगा तय
इधर भाजपा नेताओं का कहना है कि आरक्षण पूरा होते ही कई नेत्रियों ने दावेदारी की है। हालांकि, सक्रियता के साथ-साथ और भी कई बातों का ध्यान रखा जाएगा। बीते विधानसभा से लेकर उपचुनाव तक देखा गया कि बीजेपी ने कई नए चेहरों को मौका दिया है। निश्चित ही मजबूत दावेदारों के नाम है, लेकिन बीजेपी चौकाने से पीछे कभी नहीं हटती। कई लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन पार्टी में टिकट का फैसला हाईकमान करेगा। अब हाईकमान किसके सिर पर हाथ रखता है यह तो आने वाला समय बताएगा।

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