रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ में उपचुनाव के नतीजा आने के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। नगरीय निकाय चुनाव के पहले दो विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है। विधायकों के समर्थकों में भी मंत्रिमडल में शामिल किए जाने की खलबली मची हुई है। राजनीति से जुड़े लोग भी अब कयास लगाने लगे हैं कि साय मंत्रिमंडल का विस्तार देर सबेर हो सकता है। मंत्रिमंडल में शामिल होने कई विधायक लंबे समय से जुगाड़ में भी लगे हैं।
चर्चा है कि निकाय चुनाव से पहले साय कैबिनेट में खाली दो मंत्री पदों पर नियुक्ति हो सकती है। बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद उनकी खाली जगह को कौन भरेगा इस बात की चर्चा आम हो गई है। चूंकि निगम चुनाव सर पर है ऐसे में रायपुर से चारों विधायक इस उम्मीद में बैठे हैं कि उनकी लाटरी लग सकती है। बीजेपी को हर हाल में निगम चुनाव के पहले रायपुर के किसी भी विधायक को मंत्री पद देना ही होगा तभी निगम में पार्टी का मेयर बनने की उम्मीद की जा सकती है। अब इसे लेकर अब कयासों का दौर शुरू हो गया है, लेकिन साय कैबिनेट में बृजमोहन का उत्तराधिकारी कौन होगा। साथ ही क्या दोनों रिक्त मंत्री पद एक साथ भरे जाएंगे। विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद राजनीतिक गलियारों में मंत्री पद पाने को लेकर कई विधायकों के जुगाड़ की राजनीति में लगने की भी चर्चा है।
सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई
संगठन के पास सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि मंत्रियों के चयन में किन चीजों को प्राथमिकता दी जाएगी। तमाम सवालों के बीच सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। इसमें एक पद के लिए सांसद बृजमोहन अग्रवाल के करीबी रायपुर दक्षिण से नवनिर्वाचित विधायक और ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले सुनील सोनी का नाम शामिल है। इसके अलावा अनुभव और पिछले कार्यकाल के परफारमेंस को देखते हुए तेज तर्रार और जैन समाज के प्रतिनिधि कद्दावर नेता रायपुर पश्चिम के विधायक और पूर्व मंत्री राजेश मूणत दावेदारों में सबसे आगे चल रहे हैं। वे मंत्री पद के प्रवल दावेदार भी हैं।
इन नामों की भी हो रही चर्चा
रायपुर उत्तर के विधायक ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले पुरंदर मिश्रा के नाम की भी चर्चा है। उपचुनाव में ब्राम्हण समाज ने बीजेपी से उम्मीदवार बनाये जाने की मांग भी की थी, लेकिन सुनील सोनी को टिकट दिया गया। इस लिहाज से पुरंदर को मंत्री बनाकर ब्राम्हण समाज को टिकट नहीं देने की भरपाई की जा सकती है। इन सब में अगर सहमति बनते नहीं दिखेगी तो ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू की किस्मत चमक सकती है। दूसरी ओर एक और खाली पद के लिए प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, गजेन्द्र यादव और अमर अग्रवाल का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है।
बृजमोहन की जगह कौन लेगा
रायपुर दक्षिण में बृजमोहन ने अपने बाद सुनील सोनी को विधायक तो बनवा दिया क्या उनके द्वारा खाली किये गए मंत्री पद पर भी उनके पसंद से सुनील सोनी को मंत्री पद दिया जा सकता है? साय कैबिनेट में बृजमोहन अग्रवाल का उत्तराधिकारी कौन होगा। इस सवाल का जवाब अभी किसी के पास नहीं है फिलहाल साय कैबिनेट में दो मंत्री पद खाली है। उपचुनाव संपन्न होने के बाद एक बार फिर खाली पदों को लेकर कयास लगना चालू हो गया है। अंदरखाने से यह भी खबर आ रही है कि निकाय चुनाव से पहले साय मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा, हालांकि सत्ता पक्ष का कोई भी नेता इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दे रहा।