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Thursday, April 17, 2025

विधानसभा में राजस्व प्रकरणों को लटकाने का मसला उठा, BJP विधायक के सवालों पर उलझे मंत्री टंकराम… अजय चंद्राकर बोले- किसानों को परेशान करने बनाया गया है…

  • जमीन सीमांकन, सरकारी जमीनों पर कब्जा हटाने में राजस्व अफसरों की रुचि नहीं
  • जमीन दलालों, रसूखदारों के प्रभाव में काम कर रहे पटवारी, आरआई और तहसीलदार

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का गुरुवार को तीसरा दिन है। इस बीच ध्यानाकर्षण काल में लंबित राजस्व प्रकरणों का मामला सदन में गूंजा। विधायक अजय चंद्राकर, उमेश पटेल ने ध्यानाकर्षण के जरिए मुद्दा उठाया है। जिस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को उन्होंने मामले में घेरा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- भुईंया पोर्टल भी लगता है कि किसानों को परेशान करने के लिए बनाया गया है। 35 फीसदी डाटा की गलत एंट्री है।

राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि भू अभिलेख में त्रुटि सुधार का अधिकार एसडीएम और तहसीलदार के पास है। पूर्व सरकार ने इसे एसडीएम तक सीमित कर दिया था। नए संशोधन में यह अधिकार अब तहसीलदार को भी दिया गया है। कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन से अपनी जमीन संबंधित जानकारी देख सकता है। पिछले विधानसभा सत्र के दौरान अजय चंद्राकर और सुशांत शुक्ला ने सीमांकन, सरकारी जमीन पर कब्जा की बात उठाई थी। उसमें एक महीने में कार्रवाई की बात कही गई थी, लेकिन दो महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

चंद्राकर ने उठाया लंबित प्रकरणों का मुद्दा
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि राज्य में 1 लाख 49 हजार 479 राजस्व प्रकरण लंबित है। जिस पर विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम का राजस्व विभाग पालन नहीं कर रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या लोक सेवा अधिनियम का पालन नहीं करने पर कितने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जवाब में मंत्री वर्मा न कहा- बजट सत्र के बाद राजस्व पखवाड़ा चलेगा, लंबित प्रकरणों की सुनवाई होगी।

चंद्राकर ने राजस्व मंत्री से मांगा जवाब
अजय चंद्राकर ने पूछा- भुईया पोर्टल में होने वाली त्रुटि कौन सुधारता है। इस पर राजस्व मंत्री ने कहा- पोर्टल का संचालन एनआईसी करता है। त्रुटि सुधारने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त है। राजस्व प्रकरणों को लेकर शिविर का आयोजन किया गया था। चंद्राकर ने कहा कि पिछली बार भी राजस्व के मुद्दे सदन में उठाए गए थे। इस पर कार्रवाई की बात कही गई थी। राजस्व प्रकरणों को गंभीरता से नहीं लेने वाले कितने अफसरों पर कार्रवाई हुई है। सीमांकन, सरकारी जमीनों से कब्जा हटाने में राजस्व महकमा गंभीर नहीं है। वे रसूखदारों के प्रभाव में काम कर रहे हैं।

राजस्व के सैकड़ों प्रकरण सालभर से पेंडिंग
दोनों तरफ से तीखे सवालों के बीज विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा- लंबित राजस्व प्रकरणों के लिए यह सुनिश्चित कि जाए कि कार्ययोजना बनाकर विभाग काम करे। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने पूछा- राजस्व प्रकरणों को लेकर किसानों की अपील के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है। सीमांकन, बटांकन, सरकारी जमीन पर कब्जा जैसे मुद्दे एक साल से पेंडिंग है। अकलतरा में तहसील कार्यालय का चक्कर लगा-लगा कर एक व्यक्ति ने खुदकुशी की कोशिश की है।

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