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Monday, December 2, 2024

बस्तर संभाग से खुलती है सत्ता की चाबीः 12 सीटों पर कहीं सीधा तो कहीं त्रिकोणीय मुकाबला, क्षेत्रीय पार्टियां और निर्दलीय भी दिखा रहे दम, क्या है जनता का मूड?

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए पहले चरण में 7 नवंबर को 20 सीटों पर मतदान होगा। सबसे महत्वपूर्ण संभाग बस्तर है, जहां से कुल 90 सीटों में से 12 सीटें आती हैं। आदिवासी बहुल बस्तर संभाग के 7 जिलों में 11 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और एक सीट सामान्य है। वर्तमान में 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। इस बार चुनाव में कांग्रेस, भाजपा, आम आदमी पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी), हमर राज पार्टी, सीपीआई, बसपा, शिवसेना सहित कई निर्दलीय मैदान में हैं। सभी सीटों पर कांटे की टक्कर राजनीतिक दलों के बीच देखने को मिल रही है। चुनाव में दो दिन शेष है, लेकिन जनता एकदम खामोश है। सियासी पार्टियों और प्रत्याशियों का अपना-अपना चुनावी गणित है। ऐसे में अब सत्ता की चाबी किसके हाथों में होगी यह 3 दिसंबर को पता चलेगा। खैर प्रचार का आज अंतिम दिन हैं और सभी प्रत्याशियों ने जनता को रिझाने ताकत झोंक दी है।

बस्तर संभाग की 12 सीटों का सियासी समीकरण

  • दंतेवाड़ा: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी चेतराम अटामी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी छविंद्र महेंद्र कर्मा चुनाव लड़ रहे हैं। अटामी 2015 से 2020 तक जिला पंचायत सदस्य रहे। दंतेवाड़ा सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा की परंपरागत सीट रही है। वर्तमान में दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस से देवती कर्मा विधायक हैं। देवती कर्मा बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं, जिन्हें नक्सलियों ने झीरम घाटी मे गोली मारकर हत्या कर दी थी। यहां भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर दिख रही है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 192323 है। इनमें पुरुष 90084, महिला 102237 और ट्रांसजेंडर मतदाता 2 हैं।
  • जगदलपुर: बस्तर संभाग की यह इकलौती सामान्य सीट है। इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी किरणदेव सिंह के सामने कांग्रेस प्रत्याशी जतिन जायसवाल चुनाव लड़ रहे हैं। वर्तमान में दोनों के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। दोनों जगदलपुर नगर निगम में पूर्व महापौर रह चुके हैं। दोनों प्रत्याशी जनता के बीच लोकप्रिय हैं। यहां भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर है। आम आदमी पार्टी भी यहां दमखम दिखा रही है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 205953 है। इनमें पुरुष 98778, महिला 107144 और ट्रांसजेंडर मतदाता 31 है।
  • चित्रकोट: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी विनायक गोयल के सामने कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज चुनाव लड़ रहे हैं। वो दो बार 2013 और 2018 के विधायक हैं। साल 2019 में पहली बार बस्तर से सांसद बने और वर्तमान में आदिवासी चेहरा होने से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। युवा चेहरे हैं। वहीं गोयल पहली बार विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। वो तोकापाल मंडल उपाध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। यहां भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर दिख रही है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 177432 है। इनमें पुरुष 83471, महिला 93959 और ट्रांसजेंडर मतदाता 2 हैं।
  • बीजापुर: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी महेश गागड़ा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम मंडावी चुनाव लड़ रहे हैं। मंडावी पहली बार के विधायक हैं। वर्तमान में वो बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं। वहीं महेश गागड़ा रमन सरकार में मंत्री रह चुके हैं। अनुसूचित जाति जनजाति के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य हैं। इस विधानसभा सीट में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 168991 है। इनमें पुरुष 81426, महिला 87557 और ट्रांसजेंडर मतदाता 8 हैं।
  • बस्तर: इस सीट से इस बार भाजपा प्रत्याशी मनीराम कश्यप के सामने कांग्रेस प्रत्याशी लखेश्वर बघेल चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी रिश्तेदार भी हैं। यहां पर लखेश्वर बघेल दो बार के विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2018 का चुनाव काफी बड़े अंतर से जीता था। वहीं मनीराम पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वो तीन बार जिला पंचायत सदस्य और उपाध्यक्ष रह चुके हैं। कुछ इलाकों में इनकी मजबूत पकड़ है। दोनों के बीच इस बार सीधी टक्कर है। यहां कुल मतदाता 167635 है। इसमें पुरुष 81184 और महिला 86449 हैं। वहीं ट्रांसजेंडर 2 हैं।
  • नारायणपुर: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी केदार कश्यप के सामने कांग्रेस प्रत्याशी चंदन कश्यप चुनाव लड़ रहे हैं। केदार कश्यप दो बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में भाजपा के महामंत्री हैं। वहीं चंदन कश्यप पहली बार के विधायक हैं। उन्होंने 2018 में केदार को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था। नारायणपुर में भी भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर दिख रही है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 190672 है। इनमें पुरुष 92030, महिला 98639 और ट्रांसजेंडर मतदाता 3 हैं।
  • कांकेर: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी आशाराम नेताम के सामने कांग्रेस प्रत्याशी शंकर ध्रुव चुनाव लड़ रहे हैं। नेताम पहली बार चुनाव मैदान में है। वे ग्रामीण मंडल मंत्री हैं। वहीं शंकर ध्रुव ग्राम पंचायत मुड़पार के सरपंच रह चुके हैं। पहली बार 2013 में विधायक बने। इस विधानसभा चुनाव में भी सीधी टक्कर दिख रही है। क्षेत्रीय पार्टियां भी दमखम दिखा रही हैं। इस सीट पर चुनाव भी काफी रोचक है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 87161 है। इनमें पुरुष 87161, महिला 95082 और ट्रांसजेंडर मतदाता 2 हैं।
  • कोंडागांव: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी लता उसेंडी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी मोहन मरकाम चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2003 से भाजपा की लता उसेंडी विधायक बनीं। 2008 में भी वो दोबारा जीतीं। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मोहन मरकाम ने लता को हराकर विधायकी पर कब्जा कर लिया। 2018 में भी वे दोबारा जीतकर आए। मरकाम से इस बार उनके समर्थक और कार्यकर्ता कटे हुए नजर आ रहे हैं। यहां भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 188520 है। इनमें पुरुष 91044, महिला 97473 और ट्रांसजेंडर मतदाता 3 हैं।
  • केशकाल: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी नीलकंठ टेकाम के सामने कांग्रेस प्रत्याशी संतराम नेताम चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व आईएएस ऑफिसर टेकाम पहली बार चुनाव मैदान में हैं। इस सीट से नया चेहरा है। वहीं संतराम नेताम 2013 में विधायक बने। 17 साल तक पुलिस विभाग में सेवाएं दे चुके हैं। यहां भी भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर दिख रही है। क्षेत्रीय दल और निर्दलीय प्रत्याशी भाजपा-कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ेंगे। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 206304 है। इनमें पुरुष 100230, महिला 106070 और ट्रांसजेंडर मतदाता 4 हैं।
  • अंतागढ़: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी विक्रम उसेंडी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी रूप सिंह पोटाई चुनाव लड़ रहे हैं। उसेंडी पूर्व सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। रमन सरकार में 2008 में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वहीं पोटाई सरपंच संघ के पूर्व अध्यक्ष और आदिवासी कमेटी जिला के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान विधायक अनूप नाग भी कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 175965 है। इनमें पुरुष 88512, महिला 87445 और ट्रांसजेंडर मतदाता 8 हैं।
  • भानुप्रतापपुर: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी गौतम उईके के सामने कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी चुनाव लड़ रहीं हैं। उईके पहली बार चुनाव मैदान में हैं। वे 2000 से 2015 तक जनपद सदस्य रह चुके हैं। वहीं सावित्री मंडावी पूर्व विधायक मनोज मंडावी की पत्नी हैं। उन्होंने उपचुनाव में जीत हासिल की थीं। कांग्रेस-भाजपा के बीच सीधी टक्कर है, लेकिन यहां दूसरी पार्टी और क्षेत्रीय दल से बड़े दलों को चुनौती मिल रही है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 201826 है। इनमें पुरुष 98549, महिला 104275 और ट्रांसजेंडर मतदाता 2 हैं।
  • कोंटा: इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी सोयम मुका के सामने कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से वर्तमान मंत्री और विधायक कवासी लखमा के नाम पांच बार विधायक बनने का रिकार्ड है। वो छठवीं बार चुनाव मैदान में हैं। मनीष कुंजाम से भाजपा और कांग्रेस दोनों को टक्कर मिलेगी। यहां हर समय मुकाबला त्रिकोणीय रहता है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 190672 है। इनमें पुरुष 92030, महिला 98639 और ट्रांसजेंडर मतदाता 3 हैं।
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