रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपना पहला बजट एक लाख 47 हजार 500 करोड़ का पेश किया। यह पूर्ववर्ती भूपेश सरकार से 22 फीसदी अधिक है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी का यह बजट ‘GYAN’ यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर फोकस्ड है। वित्त मंत्री चौधरी ने विधानसभा में पहली बार पेपरलेस बजट प्रस्तुत करते हुए छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश 2047 में जब अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरा करेगा तब तक छत्तीसगढ़ भी विकसित राज्य बनकर खड़ा होगा, इस विजन को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं।
सदन में अपनी बात रखते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सुशासन का उदय हो चुका है। छत्तीसगढ़ की जनता ने कुशासन के खिलाफ सुशासन पर मुहर लगाकर हमें जनादेश दिया। हमारे सामने चुनौतियां का घना अंधेरा था। प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतरा था। हमें खजाना खाली मिला। महिलाएं असुरक्षित थीं। युवा हताश थे, लेकिन हम अंधेरों के बीच उजाले की तलाश करने की ताकत रखते हैं। विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के बजट में जो खास बातें रहीं, जिससे यह बजट अगली पीढ़ी का और अविस्मरणीय बना, वे इस तरह से हैं।
- रामराज्य को सुशासन का सबसे बड़ा मॉडल बताया- वित्त मंत्री ने अपने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रामराज्य से बड़ा सुशासन का मॉडल पूरी दुनिया में कहीं नहीं मिलता। तुलसीदास जी ने हमें रामराज्य की अवधारणा बताई है। हम इसी आधार पर काम करेंगे।
- मिशन 2047- विकसित छत्तीसगढ़ का लक्ष्य- वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 2047 में विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है। दूसरे राज्यों के साथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए भारत को विकसित बनाने के लिए महायज्ञ में छत्तीसगढ़ भी अपनी आहुति देगा और वर्ष 2047 तक हम छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाएंगे।
- विकसित छत्तीसगढ़ को प्राप्त करने 10 पिलर्स- वित्त मंत्री ने बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने हमने 10 पिलर्स तैयार किये हैं।
- इन पिलर्स में पहला पिलर ज्ञान है। यह हमारे आर्थिक विकास का बिन्दु है। ज्ञान अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता तथा नारी शक्ति के विकास पर काम। नेल्सन मंडेला का उद्धृत करते हुए कहा कि किसी देश को तबाह करने बारूद और मिसाइल की जरूरत नहीं, शिक्षा की गुणवत्ता को खराब करना और परीक्षा में भ्रष्टाचार ही देश को बर्बाद करने पर्याप्त है।
- दूसरा पिलर तकनीक आधारित रिफार्म और सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास है। इसके अंतर्गत एआई, डेटा एनालिटिक्स आदि को बढ़ावा। इसके लिए छत्तीसगढ़ सेंटर फार स्मार्ट गवर्नेंस की स्थापना। डिजिटल टेक्नालाजी को विभागों में बढ़ावा देने 266 करोड़ रुपए का प्रावधान
- तीसरा पिलर अधिकाधिक पूंजीगत व्यय अर्थात कैपेक्स को बढ़ाना है। वित्त मंत्री ने बताया कि पूंजीगत व्यय में 100 रुपए की वृद्धि से जीडीपी में 247 रुपए की वृद्धि होती है। गत वर्ष की तुलना में इस बार कैपेक्स में 20 प्रतिशत की वृद्धि।
- चौथा पिलर प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल है। साथ ही इसका न्यायपूर्ण वितरण भी सुनिश्चित करना।
- पांचवां पिलर अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र में नई संभावनाओं पर जोर है। इसमें इको टूरिज्म सर्किट, हेल्थ डेस्टिनेशन, वेडिंग डेस्टिनेशन, बिजनेस टूरिज्म, कांफ्रेंस डेस्टिनेशन, आईटी सेक्टर आदि की स्थापना शामिल।
- छठवां पिलर सरकार की सारी क्षमताओं के साथ ही निजी निवेश भी सुनिश्चित करना। रेड टेपिज्म के स्थान पर रेड कारपेट वेलकम। मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस पर होगा काम। ईज आफ डूइंग बिजनेस, ईज आफ लिविंग, सिंगल विंडो प्रणाली, आनलाइन परमिशन, मिनिमम परमिशन आदि पर जोर। पीपीपी, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए नीति आयोग एवं आईआईएम जैसे विशेषज्ञ संस्थाओं से सहयोग लेंगे।
- सातवां पिलर बस्तर सरगुजा की ओर देखो। एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने और इको टूरिज्म, नैचुरोपैथी के लिए काम होगा। बस्तर में लघु वनोपजों का प्रसंस्करण और सरगुजा में उद्यानिकी एवं मछलीपालन की संभावनाओं पर काम होगा।
- आठवां पिलर डिसेंट्रलाइज्ड डेवलपमेंट पाकेट्स पर काम होगा। नवा रायपुर में प्लग एंड प्ले मॉडल पर आईटी आधारित रोजगार सृजन होगा। नवा रायपुर में लाइवलीहुड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और दुर्ग जिले में सेंटर ऑफ इंटरप्रेन्योरशिप स्थापित स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस क्षेत्र को विश्वविस्तरीय आई.टी. सेक्टर, वेडिंग डेस्टीनेशन, एजुकेशन एवं हेल्थ डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। औद्योगिक जिलों में इसी के अनुरूप विकास तथा कृषि प्रधान जिलों में कृषि आधारित विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
- नवमा पिलर छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विकास है। वित्त मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बोली-भाषा, तीज त्यौहार, साहित्य को आगे बढ़ाने कटिबद्ध हैं।
- 10 पिलर क्रियान्वयन का महत्व है। प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कार्य कर हम विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे।
- स्वाट एनालिसिस के माध्यम से बताई मजबूती और कमजोरी- वित्त मंत्री ने कहा कि मैनेजमेंट में स्वाट एनालिसिस होता है। यह स्ट्रेंथ, वीकनेस, अपोर्चुनिटी और थ्रेट्स पर फोकस करता है। इसका विश्लेषण जरूरी है। विकसित भारत के सपने को पूरा करने एक रोडमैप जरूरी है इसलिए हमने छत्तीसगढ़ 2047 तक विकसित कैसे होगा। इसका विजन डाक्यूमेंट बनाएंगे।
- GREAT CG – वित्त मंत्री के ब्रीफकेस के पीछे GREAT CG लिखा था जो Guarantee, Reform, Economic Growth, Achievement, Technology, Сарех तथा Good Governance को दर्शाता है।
- अटल जी, बच्चन और राबर्ट फ्रास्ट, केदार परिहार जैसे कवियों को किया उद्धृत-
वित्त मंत्री ने कहा कि हमें विरासत में अंधेरा मिला, लेकिन हम इससे लड़ने खड़े हुए। बच्चन की पंक्ति को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा ‘पर किसी उजड़े हुए को फिर बसाना कब मना है, है अंधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है।’ वाजपेयी जी की पंक्तियां भी उन्होंने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बताई। ‘भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं, यह जीता जागता राष्ट्र पुरुष है।’ मुंगेली निवासी केदार परिहार की छत्तीसगढ़ी कविता भी उन्होंने बताते हुए कहा कि ‘‘मरके देवलोक झन जातेंव, कान्हु जनम झन पातेंव। छत्तीसगढ़ ल छांव करे बर, मैं छानही बन जातेंव।।’’ - वित्त मंत्रालय ने प्रस्तावित बजट के लिए कोई नया कर प्रस्तावित नहीं किया और न ही करों की दर में वृद्धि का प्रस्ताव रखा है।
- मोदी की गारंटी-प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घरों के निर्माण के लिए 8369 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। महतारी वंदन योजना के तहत 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। कृषक उन्नति योजना के तहत 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। इससे 24 लाख 72 हजार से अधिक किसानों को लाभ होगा। गत वर्ष की तुलना में 2 लाख 30 हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
- ग्रामीण घरों को जल से आपूर्ति हेतु 4 हजार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। साथ ही दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के लिए 500 करोड़ का प्रावधान है। श्री रामलला दर्शन योजना के लिए 35 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। राजधानी क्षेत्र के विकास हेतु विस्तृत योजना बनाई जाएगी। छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना की क्रियान्वयन के लिए प्रावधान है। इनवेस्ट छत्तीसगढ के आयोजन के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 5 शक्तिपीठों की विकास की विस्तृत योजना बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए की प्रावधान है।