25.1 C
Raipur
Saturday, July 27, 2024

कस्टम मिलिंग घोटालाः रायपुर-दुर्ग सहित 5 जगहों पर ED की रेड, मार्कफेड के पूर्व MD से मिलकर कैसे किया खेला आप भी जानिए

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 5 स्‍थानों पर छापामार कार्रवाई की है। ईडी की टीम ने रायपुर और दुर्ग में दो-दो और खरोरा में एक स्‍थान पर छापा मारा है। राइस मिल कारोबारी और छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रमोद अग्रवाल के तीन ठिकाने पर जांच चल रही है। ईडी टीम ने राइस मिल, ऑफिस और निवास स्थान पर छापा मारा है। राइस मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष पर भी शिकंजा कसने की खबर है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के कस्टम मिलिंग घोटाले में पूर्व एमडी मनोज सोनी और राइस मिलिंग के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद कई लोगों के नाम सामने आए हैं, जिसके बाद ईडी ने छापामार कार्रवाई की है। शुक्रवार को सुबह जिनके यहां रेड पड़ी है, वो इन दोनों आरोपियों के साथ मिलकर कस्टम मिलिंग का पूरा खेल कर रहे थे। वसूली की रकम इन तक भी पहुंच रही थी। कारोबारी प्रमोद अग्रवाल के खरोरा और रायपुर स्थित ठिकानों पर जांच में लेन-देन के साक्ष्य और डिजीटल उपकरण मिले हैं। दुर्ग में पूर्व एमडी मनोज सोनी से जुड़े कारोबारी और राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा के दीपक नगर स्थित निवास पर जांच ईडी के अफसर दस्तावेज खंगाल रहे हैं।

जानिए क्‍या है कस्‍टम मिलिंग घोटाला
पूर्व की भूपेश बघेल सरकार के दौरान धान की कस्‍टम मिलिंग में बड़ा घोटाले का खुलासा ईडी ने किया था। इसके सूत्रधार मार्कफेड के तत्‍कालीन अफसर मनोज सोनी हैं। ईडी ने जांच में पाया गया कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया। धान की कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली रकम को तीन गुना बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। कस्टम मिलिंग का भुगतान दो किस्तों में किया गया। आरोप है कि एसोसिएशन के कुछ लोगों ने मार्कफेड के MD मनोज सोनी के साथ मिलकर इस पूरी गड़बड़ी को अंजाम दिया।

175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली गई
शासन से हटकर इन लोगों ने अपना नियम-कायदा बना लिया था। नकद राशि का भुगतान करने वालों का विवरण जिला विपणन अधिकारी को भेजा गया। उनके माध्यम से ब्यौरा मार्कफेड एमडी तक पहुंचता। एमडी द्वारा केवल उन्हीं के बिलों को भुगतान की मंजूरी दी गई, जिन्होंने नकद राशि (कमीशन) का भुगतान किया। ईडी के मुताबिक विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये क्विंटल करने के बाद मिलर्स को प्रदेश में 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिसमें से 175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली गई। वसूली गई रिश्वत को राजनीतिक संरक्षण में बांट लिया गया।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here