रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने अबूझमाड़ के नक्सल मुठभेड़ में 8 नक्सलियों के ढेर होने के बाद नक्सलियों के राष्ट्रीय संगठन को मुख्यधारा से जुड़ने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि नारायणपुर-बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में 8 वर्दीधारी नक्सली मारे गए हैं। यह जवानों के शौर्यवान भुजाओं का आधार है। उन्होंने कहा कि बस्तर का विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। अगर नक्सली भी विकास चाहते हैं, उन्नति चाहते हैं, तो वे मुख्य मार्ग में आ जाएं।
नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी द्वारा विष्णुदेव साय सरकार को लिखे गए पत्र पर डिप्टी सीएम व गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ऑपरेशन जहां जरूरी है, वहां करना होता है। चाणक्य की बात करते हुए उन्होंने कहा कि वही राग अलापने से कुछ नहीं होने वाला। नक्सलियों से आग्रह है कि आप वार्ता करें। अगर नक्सली भी विकास चाहते हैं, उन्नति चाहते हैं, तो मुख्य मार्ग में आ जाएं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और सरकार भी राज्य का विकास चाहती है, इसलिए अगर सरकार और नक्सलियों का लक्ष्य एक है तो रास्ता भी एक हो सकता है। विजय शर्मा ने कहा कि टॉप कैडर आंध्र और तेलंगाना के हैं और छत्तीसगढ़ कैडर उसके नीचे है। इसलिए जो भी बात करना चाहेंगे, इस समस्या का हल निकल सकता है।
पिछले 4-5 वर्षों में OBC सर्टिफिकेट बनाए गए
कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार को SC, ST, OBC विरोधी सरकार बताए जाने वाले बयान पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि जिस धर्म में जाति की कोई व्यवस्था नहीं है, उस धर्म के लोगों को एसटी, एससी और ओबीसी बनाएंगे तो मूल ओबीसी, एसटी-एससी के लोगों के अधिकार का हनन है। मेरे पास प्रमाण है। विगत 4-5 वर्षों में ओबीसी वर्ग के सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। ओबीसी के सर्टिफिकेट कैसे बना सकते हैं। पूर्व सरकार में बना है। मैंने कॉपी निकालने को कहा। मैं पूरे प्रमाण भी दूंगा। मैं मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी मामला लाऊंगा और पूरी कोशिश करूंगा कि इस पर जांच हो।
नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी का सरकार को पत्र
बता दें कि नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने सरकार को पत्र लिखकर बातचीत के लिए पहले माहौल तैयार करने की बात कही है। नक्सलियों ने अपने पत्र में कहा था कि सरकार पहले वार्ता के लिए माहौल बनाए इसके बाद बात आगे बढ़ेगी। सेंट्रल नक्सल कमेटी के सदस्य प्रताप ने यह पत्र भेजा था। उन्होंने कहा था कि शांति वार्ता के लिए शांतिपूर्ण माहौल जरूरी है। हिंसा के माहौल में कैसे वार्ता होगी। नक्सल संगठन ने वार्ता के लिए कोई शर्त नहीं रखी है। हम क्रांतिकारी है तो भला सरेंडर के साथ वार्ता कैसे करेंगे? प्रताप ने कहा है कि हम जनवादी माहौल में शांति के लिए वार्ता चाहते हैं।