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Sunday, September 8, 2024

CGPSC का एक और गोलमालः 719 अंक वाले को बुलाया, 771 अंक वाले का इंटरव्यू ही नहीं लिया, BJP नेताओं के तीखे सवाल, आयोग ने क्या कहा पढ़िये…

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) में भर्ती का मामला लगातार सुर्खियों में है। अफसरों और नेताओं के बच्चों और रिश्तेदारों को नौकरी बांटने, नियुक्तियों पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद एक अभ्यर्थी के वायरल शिकायती पत्र ने राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। पत्र में लिखा है कि उससे कम नंबर वाले व्यक्ति का सिलेक्शन कर लिया गया और उसे रिजेक्ट कर दिया गया। इसे लेकर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, विधायक अजय चंद्राकर, विधायक सौरभ सिंह सहित कई भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं इस पूरे मामले को लेकर सीजीपीएससी का बयान भी सामने आया है।

दुर्ग जिले के पाटन निवासी शिवम कुमार देवांगन ने साल 2022 में PSC के स्टेट सर्विस परीक्षा में हिस्सा लिया था। उसने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि डिटेल मेरिट लिस्ट को देखकर पता चला है कि ओबीसी श्रेणी में लिखित परीक्षा में मुझे 771.5 अंक प्राप्त हुए। गहन विश्लेषण से यह पता चला है कि ओबीसी से अंतिम साक्षात्कार हेतु चयनित कैंडिडेट के लिखित पेपर में (मेंस) 719 अंक है। जिसका चयन हुआ है, उसे 770.50 नंबर मिले है। उसे सहायक जेल अधीक्षक का पद दिया गया है। इसकी जांच कराए, जिससे मुझे न्याय मिल सके। PSC के सचिव को 20 सितंबर को पत्र भेजा गया। शिकायती पत्र अब सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है, जिससे छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।

‘एक करोड़ रुपये में बन सकते हैं डिप्टी कलेक्टर’
पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘पत्र पढ़कर मन आक्रोशित, उद्वेलित हो उठा। यदि आपके पास 75 लाख, एक करोड़ है और आप किसी कांग्रेस नेता या बड़े अधिकारी के रिश्तेदार हैं तो आप डिप्टी कलेक्टर बन सकते हैं। पर यदि दिन-रात मेहनत करके अच्छा अंक लाते हैं और आपके पास पैसे नहीं हैं तो सीधे लिस्ट से ही हटा दिए जाते हैं। यही कारस्तानी की है प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने, जिसने करोडों रुपये लेकर पीएससी परीक्षा में डिप्टी कलेक्टर जैसे पदों को बेच दिया। आज प्रदेश का मेहनती और बुद्धिमान युवा इस घोटाले के कारण दुःखी है और इस दुःख का कारण है कांग्रेस सरकार। बदलना है इस सरकार को।’

‘अकलतरा विधायक सौरभ सिंह ने यह आरोप लगाया’
विधायक सौरभ सिंह ने सोशल मीडिया X पर नितेश के सरनेम को छिपाने का आरोप लगाते हुए लिखा- ‘टामन सिंह सोनवानी (अध्यक्ष, CGPSC), CGPSC 2021 में चयनित नाते- रिश्तेदार, 1. नितेश- डिप्टी कलेक्टर (सोनवानी जी का दत्तक पुत्र, लिस्ट में सोनवानी सरनेम छुपाया गया), 2. साहिल – डीएसपी (सोनवानी जी का भतीजा, लिस्ट में सरनेम सोनवानी छुपाया गया), 3. सुनीता जोशी – श्रम पदाधिकारी (सोनवानी जी की भाँची है) सभी चयनितों को बधाई।’

‘CGPSC भर्ती का मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है’
पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब परीक्षा परिणाम में अधिकारी और नेताओं के बच्चों के नाम सामने आए थे, तब मुख्यमंत्री कहते थे कि अधिकारी या नेता के बच्चे परीक्षा में चयनित क्यों नहीं हो सकता?, लेकिन न्यायालय ने एक साथ 18 अधिकारी और नेताओं के परिजनों की भर्ती पर प्रश्न खड़ाकर दिया है। कोर्ट ने पूछा कि यह कैसे हो सकता है कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष टामन सोनवानी के 6-6 रिश्तेदार एक साथ कैसे सिलेक्ट हो सकते है? मैंने CBI जांच की मांग रखी है।

‘शिवम के पत्र पर CGPSC ने यह जवाब दिया’
जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि राज्य सेवा परीक्षा 2022 में अभ्यर्थी शिवम देवांगन द्वारा प्रथम प्रश्न पत्र के प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में पृष्ठ क्रमांक 20 पर प्रश्न क्रमांक 17 (ख) में श्री राधेश्याम तथा राजेश मोहन उल्लेख कर पहचान चिन्ह दर्शित करने के कारण आयोग द्वारा उन्हें अनर्ह घोषित करते हुए परीक्षा परिणाम प्रक्रिया से पृथक किया गया है। इस कारणवश राज्य सेवा (मुख्य) परीक्षा 2022 के साक्षात्कार की सूची में अभ्यर्थी को शामिल नहीं किया गया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी विज्ञापन की कंडिका 11 का (ix) एवं प्रश्न सह उत्तरपुस्तिका में उल्लेखित निर्देश की कंडिका-04 के अनुसार- प्रश्न-सह-उत्तर पुस्तिका में निर्धारित स्थान के अतिरिक्त कहीं पर भी अपना नाम, अनुक्रमांक, कोई धार्मिक चिन्ह, कोई पहचान चिन्ह या उत्तर के अतिरिक्त अन्य कोई अक्षर, शब्द, वाक्य या कोई धार्मिक शब्द या वाक्य नहीं लिखा जाना चाहिए। उत्तर पुस्तिका में नीले व काले बॉल पॉइण्ट पेन के अतिरिक्त अन्य किसी भी रंग अथवा किसी प्रकार के पेन जैसे स्केच पेन, हाईलाइटर, ग्लिटर पेन इत्यादि का प्रयोग न करें। ऐसा करने पर जाँचकर्ता द्वारा संबंधित अभ्यर्थी को अनर्ह घोषित किए जाने की अनुशंसा की जा सकती है। उक्त संदर्भ में आयोग का निर्णय अंतिम होगा। उक्त निर्देशों का पालन अभ्यर्थी श्री शिवम कुमार देवांगन द्वारा नहीं किए जाने के कारण ही उन्हें अनर्ह घोषित किया गया है।

‘राज्य शासन जांच कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगी’
दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ पीएससी चयन में गड़बड़ी पर राज्य शासन ने कहा है कि मामले की स्वयं जांच कर हाईकोर्ट के समक्ष पूरी रिपोर्ट और जवाब पेश करेगी। साथ ही जब तक मामले के अगली सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक इस विषय को बढ़ावा न देकर जिन व्यक्तियों पर आरोप लगा है और उनकी नियुक्ति नहीं हुई है, उसको आगे अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा। जिनकी नियुक्तियां हो चुकी हैं, वह यथास्थिति न्यायालय के आदेश के अधीन रहेंगी। राज्य शासन के इस वक्तव्य को रिकॉर्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद रखी है।

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