रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल स्कैम में गिरफ्तार निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। कोयला घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 2022 में गिरफ्तार किया था। बिलासपुर हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद रानू साहू ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत तो मिली, लेकिन उसके बाद भी वह जेल से बाहर आएंगी या नहीं इस पर भी संशय है। कोल स्कैम में ACB-EOW ने आय से अधिक संपत्ति का नया अपराध दर्ज किया है। रानू साहू के अलावा दीपेश टांक को भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।
देश की शीर्ष अदालत ने पूर्व कलेक्टर व निलंबित IAS रानू साहू को अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आ पाएंगी ऐसा कानूनी जानकार बता रहे हैं। कोयला घोटाले में छत्तीसगढ़ के ACB ने ही रानू साहू को आरोपी बनाया है। इसके अलावा ACB ने आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा भी दर्ज कर किया है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत के बाद भी रानू साहू का जेल से छूटना संभव नहीं होगा। निलंबित IAS रानू साहू पर वर्ष 2015 से 2022 तक करीब 4 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति स्वयं और अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर खरीदने का आरोप है।
25 रुपये प्रति टन कोल लेवी वसूल किया
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 21 जुलाई 2023 को निलंबित आईएएस रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी आवास पर छापा मारा था। करीब चौबीस घंटे की जांच के बाद ईडी ने 22 जुलाई 2023 की सुबह उन्हें गिरफ्तार किया था। 21 जुलाई को रानू साहू के यहां दूसरी बार छापा पड़ा था। इससे पहले रायगढ़ कलेक्टर रहने के दौरान ईडी ने उनके रायगढ़ स्थित बंगले सहित अन्य स्थानों पर छापा मारा था। ईडी के मुताबिक कोयला कोरबारी सूर्यकांत तिवारी के साथ मिलकर आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया और समीर विश्नोई ने कोयले पर 25 रुपये प्रति टन लेवी वसूल किया है।
ब्लैक मनी खपाने वाले दीपेश को भी जमानत
निलंबित आईएएस रानू साहू के अलावा दीपेश टांक को भी जमानत मिल गई है। हालांकि ये अंतरिम राहत है। दोनों की जमानत 7 अगस्त तक के लिए मंजूर की गई है। आपको बता दें कि दीपेश टांक पर आईएएस को जमीन बेचने का आरोप है। छत्तीसगढ़ के अंदर और बाहर जमीनों की खरीद-फरोख्त और सौदे में ब्लैक मनी खपाने को लेकर दीपेश टांक को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार दीपेश टांक ने पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों को 51 एकड़ जमीन बेची थी। इसी गड़बड़ी के आरोप पर ED ने दीपेश को गिरफ्तार किया है।
सत्ता परिवर्तन के साथ ही बदला समीकरण
प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को बेंगलुरु (कर्नाटक) से गिरफ्तार किया था। तब ईडी ने बेंगलुरू के कादूगोड़ी वाइट फील्ड थाना में जुलाई 2022 में एक एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस एफआईआर में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत आईपीसी की धारा 384 और 120 बी जोड़ा गया था। इसी एफआईआर के आधार पर छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर छापेमारी और गिरफ्तारी की गई थी। कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में आते ही राज्य सरकार ने इन दोनों धाराओं को एफआईआर से हटा दिया। कोल स्कैम को लेकर भाजपा-कांग्रेस में खूब राजनीति भी हो रही है।