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Saturday, September 7, 2024

‘भूपेश के खिलाफ बोलने से मुझ पर हो सकता है हमला, मेरी रिवॉल्वर वापस कर दो’, कांग्रेस नेता की कलेक्टर-SP से मांग, पढ़िये डिटेल…

रायपुर. न्यूजअप इंडिया
सत्ता से बेदखल होते ही राजनीतिक पार्टियों में बगावत की बात कोई अनोखी या नई नहीं है, लेकिन छत्तीसगढ कांग्रेस में पिछले तीन माह से जो कुछ चल रहा है वह आम बात भी नहीं आती। सत्ता से बाहर होते ही कांग्रेसियों की भड़ास बाहर निकल रही है। विधानसभा चुनाव के बाद पूर्व विधायक और मंत्रियों ने वरिष्ठ नेताओं को घेरा था। लोकसभा चुनाव के दौरान आरोप लगाने वाले कार्यकर्ता अब अपनी जान का खतरा बताते हुए उन्हीं बड़े नेताओं को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही जमकर बगावत हुई थी। अब लोकसभा चुनाव के पहले फिर से वही बगावत नजर आ रही है। इस बार बगावत के निशाने पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल हैं। पहले राजनांदगांव में एक मंच से ही स्थानीय कांग्रेस नेता ने उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई फिर राजधानी रायपुर के पुरानी कांग्रेसी रामकुमार शुक्ल सामने आ गए। उन्होंने बघेल सरकार के कार्यकाल का कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए सीईसी को पत्र लिखकर लोकसभा टिकट देने पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने भूपेश का टिकट रद्द करने की मांग कर डाली।

इस बगावत की आंच धीमी पड़ती उसके पहले रामकुमार शुक्ल ने एक और सनसनीखेज आरोप लगा दिया है। उन्होंने रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि चूंकि उन्होंने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ आरोप लगाया है, लिहाजा उन्हें डर है कि उन पर हमला हो सकता है। इसलिए, आचार संहिता के लिहाज से उनकी जो लाइसेंसी रिवाल्वर जब्त की गई है, उसे उन्हें लौटा दी जाए। उनके इस पत्र ने भाजपा को हमला बोलने का एक ओर मौका दे दिया है। वहीं कांग्रेसी ऐसे लोगों को भाजपा के ईशारों पर काम करने की बात कहते हैं। राजनीति हो या युद्ध का मैदान, लड़ाई में दुश्मनों की ताकत से ज्यादा अपनों की गद्दारी ने नुकसान किया है। अब कितना नुकसान होगा यह वक्त बताएगा।

भूपेश बघेल को प्रत्याशी बनाने का किया था विरोध
रामकुमार शुक्ला ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने का विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्व सीएम भूपेश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उन पर महादेव एप केस में एफआईआर होने से कांग्रेस की फजीहत हुई है। इस वजह से कई कांग्रेस नेता और अधिकारी जेल में हैं। इसका असर ना केवल राजनांदगांव बल्कि सभी सीटों पर पड़ सकता है।

राजनांदगांव के सुरेंद्र वैष्णव ने भी मांगी है सुरक्षा
भूपेश बघेल के खिलाफ राजनांदगांव में उनके ही सामने मंच पर पूर्व कांग्रेस सरकार के खिलाफ बोलने वाले सुरेंद्र दास वैष्णव ने भी अपने और अपने परिवार पर हमला होने की आशंका जताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांगी की थी। उन्होंने बघेल के सामने कहा था कि जब कांग्रेस की सरकार थी तब कार्यकर्ता आपसे मिलने के लिए तरस जाते थे। कार्यकर्ताओं का कोई काम नहीं होता था। अब जब आप सत्ता में नहीं हैं तब आप से मिलना हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर मैं गलत बोल रहा हूं तो मुझे पार्टी से निष्कासित कर देना…।

भिलाई के अरुण सिसोदिया ने मचाई थी खलबली
एआईसीसी सदस्य अरुण सिसोदिया ने सार्वजनिक तौर पर कोष में अनियमितता का आरोप लगाया था। उनके बयान के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बवाल मच गया था। उन्होंने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखा था। इस खत में आर्थिक गड़बड़ी को उजागर करते हुए आरोप लगाये थे। सबंधित नेताओं पर जांच के बाद कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने लिखा था कि दो महीने पहले पार्टी फंड में अनियमितता का मामला सामने आया था, जिसकी जांच के बाद मैंने ये खत लिखा है।

कांग्रेस पार्टी के फंड में भारी गड़बड़ी का आरोप
सिसोदिया ने लेटर में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि रामगोपाल अग्रवाल और विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी को 5 करोड़ 89 लाख रुपये का भुगतान करने से पार्टी को नुकसान हुआ है। इस पैसे का दुरुपयोग किया गया है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि ‘मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, पार्टी में अगर सच बोलना बगावत है, तो मैं बागी हूं। अगर पार्टी कार्रवाई करती है तो मैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के साथ खड़ा हूं।

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