रायपुर. न्यूजअप इंडिया
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। बलरामपुर जिले के सामरी विधानसभा सीट के वर्तमान कांग्रेसी विधायक चिंतामणि महाराज ने हाथ का साथ छोड़ दिया है। कांग्रेस पार्टी को छोड़कर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है। अंबिकापुर के राजमोहिनी भवन में भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर की मौजूदगी में चिंतामणि महाराज ने कांग्रेस प्रवेश किया है। चिंतामणि महाराज के सैकड़ों समर्थक भी राजमोहिनी भवन पहुंचे थे। भाजपा प्रवेश के बाद चिंतामणी महाराज ने कहा, वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं, बल्कि यह उनकी घर वापसी है।
बता दें कि सामरी से विधायक चिंतामणि महाराज ने कुछ दिनों पहले अपनी स्थिति साफ कर दी थी। उनकी भाजपा नेताओं से मुलाकात हुई थी, तब उन्होंने अंबिकापुर से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था। दरअसल, कांग्रेस से टिकट कटने के बाद विधायक चिंतामणि काफी आहत हैं। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि अगर भाजपा उन्हें अंबिकापुर से प्रत्याशी बनाएगी तो वह पार्टी में शामिल हो जाएंगे। हालांकि उन्हें अंबिकापुर से टिकट तो नहीं मिला, फिर भी उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया है। पिछले दिनों चिंतामणि महाराज ने भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद मीडिया से यह भी कहा था कि बृजमोहन अग्रवाल ने भाजपा में प्रवेश के बाद लोकसभा चुनाव में सीट देने की बात कही है।
परफार्मेंस के आधार पर कांग्रेस ने काटा टिकट
बता दें कि चिंतामणी महाराज संत समाज के गहिरा गुरु के पुत्र हैं। संत समाज के विधानसभा क्षेत्र सामरी, लुंड्रा, सीतापुर, जशपुर और कुनकुरी के साथ ही पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र में अनुयायी हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में परफॉर्मेंस के आधार पर कांग्रेस ने उनकी टिकट काट दी और पैलेस खेमे के नए युवा प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया गया। तब से ही कयास लगाए जा रहे थे कि चिंतामणि कांग्रेस की चिंता बढ़ा सकते हैं।
भाजपा से कांग्रेस में आए थे चिंतामणि महाराज
चिंतामणि महाराज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भाजपा से की थी, जिसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद उन्हें संस्कृत बोर्ड का अध्यक्ष भी बनाया गया था। विधानसभा में टिकट न मिलने से नाराज चिंतामणि 2013 विधानसभा के पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे और फिर 2013 में कांग्रेस ने उन्हें लुंड्रा विधानसभा से टिकट दिया और वो जीत गए। 2018 विधानसभा में कांग्रेस ने अपनी रणनीति के तहत चिंतामणि महाराज को सामरी से टिकट दिया और वो वहां से भी चुनाव जीत गए।
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